नयी दिल्ली, 18 जुलाई भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने रविवार को केरल सरकार से बकरीद से पहले कोविड-19 प्रतिबंधों में ढील देने के फैसले को वापस लेने का अनुरोध करते हुए इसे चिकित्सा आपातकाल के समय 'गैरजरूरी और अनुचित' बताया।
डॉक्टरों के शीर्ष संगठन ने कहा कि अगर केरल सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती तो वह उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा।
आईएमए ने यहां एक बयान में कहा कि एक ओर कई उत्तरी राज्यों ने महामारी को देखते हुए पारंपरिक व लोकप्रिय तीर्थयात्राओं पर पाबंदी लगा दी है, वहीं दूसरी ओर यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केरल ने एक ऐसा निर्णय लिया, जो सामूहिक समारोहों का मार्ग प्रशस्त करेगा।
बयान में कहा गया है, ''आईएमए को यह देखकर दुख होता है कि मामलों में वृद्धि के बीच, केरल सरकार ने बकरीद के धार्मिक समारोहों के बहाने राज्य में लॉकडाउन में ढील देने के लिए एक आदेश जारी किया है। यह चिकित्सा आपातकाल के इस समय गैर-जरूरी और अनुचित है।''
चिकित्सा निकाय ने कहा कि देश के व्यापक हित और मानवता की भलाई में, आईएमए दृढ़ता से मांग करता है कि आदेश को वापस लिया जाए और कोविड मानदंडों के उल्लंघन को कतई बर्दाश्त न किया जाए।
गौरतलब है कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को कोविड संबंधी पाबंदियों में कुछ ढील देने की घोषणा की थी। विजयन ने यहां संवाददाता सम्मेलन में छूट की घोषणा करते हुए कहा कि बकरीद को देखते हुए कपड़ा, जूते-चप्पल की दुकानों, आभूषण, फैंसी स्टोर, घरेलू उपकरण बेचने वाली दुकानों और इलेक्ट्रॉनिक दुकानों, हर तरह की मरम्मत की दुकानों तथा आवश्यक सामान बेचने वाली दुकानों को 18, 19 और 20 जुलाई को सुबह सात बजे से रात आठ बजे तक ए, बी, और सी श्रेणी के क्षेत्रों में खोलने की अनुमति दी गई है।
उन्होंने कहा था कि डी श्रेणी के इलाकों में इन दुकानों को केवल 19 जुलाई को खोलने की अनुमति होगी। जिन इलाकों में संक्रमण दर पांच फीसदी से कम है वे ए श्रेणी में हैं, पांच से दस फीसदी संक्रमण वाले क्षेत्र बी श्रेणी में, दस से 15 फीसदी वाले क्षेत्र सी श्रेणी में और 15 फीसदी से अधिक संक्रमण वाले क्षेत्र डी श्रेणी में हैं।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)