देश की खबरें | अनिल देशमुख का झूठ उजागर हुआ: न्यायाधीश के साक्षात्कार पर फडणवीस ने कहा

काटोल, 13 नवंबर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि न्यायमूर्ति के.यू. चांदीवाल के मीडिया साक्षात्कार ने राकांपा (शरदचंद्र पवार) नेता अनिल देशमुख और उनके बेटे के झूठ को उजागर कर दिया है।

फडणवीस 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा उम्मीदवार चरणसिंह ठाकुर के समर्थन में नागपुर जिले के काटोल निर्वाचन क्षेत्र में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। पूर्व गृह मंत्री देशमुख वर्तमान विधायक हैं, जबकि राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने इस बार उनके बेटे सलिल को इस सीट से मैदान में उतारा है।

फडणवीस ने रैली में कहा कि अनिल देशमुख दावा कर रहे हैं कि चांदीवाल आयोग ने कथित भ्रष्टाचार मामले में उन्हें क्लीन चिट दे दी है, लेकिन आज न्यायाधीश ने एक टीवी साक्षात्कार में कहा कि उन्होंने कोई क्लीन चिट नहीं दी है, और इसके विपरीत सबूत थे, लेकिन उन्हें उनके सामने नहीं रखा गया।

फडणवीस ने आगे दावा किया कि चांदीवाल आयोग की रिपोर्ट तब सौंपी गई थी जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, लेकिन ठाकरे ने इसे सार्वजनिक नहीं किया।

ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार में देशमुख मंत्री थे।

फडणवीस ने न्यायाधीश के साक्षात्कार में कथित बयान का हवाला देते हुए कहा, “न केवल अनिल देशमुख का पर्दाफाश हुआ है, बल्कि काटोल निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे सलिल देशमुख का भी पर्दाफाश हुआ है।”

भाजपा नेता ने कहा कि काटोल पिछड़ा रहा क्योंकि अनिल देशमुख 25 साल तक प्रभारी रहे।

मुंबई भाजपा प्रमुख आशीष शेलार ने न्यायमूर्ति चांदीवाल के साक्षात्कार के बाद अनिल देशमुख के खिलाफ नए सिरे से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच की मांग की।

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने पुलिस अधिकारी (बाद में बर्खास्त) सचिन वाजे को मुंबई में बार और रेस्तरां से हर महीने 100 करोड़ रुपये इकट्ठा करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने चांदीवाल आयोग का गठन किया था।

शेलार ने साक्षात्कार का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि एमवीए नेतृत्व ने जांच में बाधा डाली।

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