Amrita Fadnavis Case: अदालत ने गिरफ्तारी के खिलाफ जयसिंघानी की याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा
बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस द्वारा दर्ज कराए गए जबरन वसूली और रिश्वतखोरी के मामले में अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए चुनौती देने वाले कथित सट्टेबाज अनिल जयसिंघानी की याचिका पर शुक्रवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया.
मुंबई, 31 मार्च : बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की पत्नी अमृता फडणवीस द्वारा दर्ज कराए गए जबरन वसूली और रिश्वतखोरी के मामले में अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए चुनौती देने वाले कथित सट्टेबाज अनिल जयसिंघानी की याचिका पर शुक्रवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. दक्षिण मुंबई के मालाबार हिल थाने ने 20 फरवरी को जयसिंघानी और उनकी बेटी अनिक्षा के खिलाफ कथित तौर पर कुछ वीडियो और ऑडियो क्लिप सार्वजनिक करने की धमकी देने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी. अनिक्षा को 17 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और 27 मार्च को एक सत्र अदालत ने उसे जमानत दे दी.
अनिल जयसिंघानी को गुजरात में गिरफ्तार किया गया और वह न्यायिक हिरासत में है. जयसिंघानी ने उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में दावा किया कि उसे 19 मार्च को अवैध तरीके से गिरफ्तार किया गया था, लेकिन कानून में निर्धारित शर्त के अनुसार 24 घंटे में अदालत में पेश नहीं किया गया.
उसके वकील मृगेंद्र सिंह ने शुक्रवार को न्यायमूर्ति ए एस गडकरी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ से कहा कि जयसिंघानी को गिरफ्तारी के 36 घंटे बाद मुंबई की अदालत में पेश किया गया. सिंह ने आरोप लगाया कि मामले में शिकायतकर्ता के पति हर चीज पर नजर रख रहे हैं, जो राज्य के गृह मंत्री हैं. यह भी पढ़ें : केकेआर के कप्तान राणा टीम पर कोच चंद्रकांत पंडित के प्रभाव को देखकर उत्साहित
महाराष्ट्र के महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पुलिस ने उचित तरीके से पूरी प्रक्रिया का पालन किया है और जयसिंघानी को रिमांड के लिए अदालत में पेश करने में कोई देरी नहीं हुई. उन्होंने कहा कि पुलिस ने 19 मार्च को जयसिंघानी को केवल अपने ‘कब्जे’ में लिया था और उसे मुंबई में सक्षम अदालत में पेश करना चाहते थे. सराफ ने कहा कि जयसिंघानी को 20 मार्च को शाम पांच बजे गिरफ्तार किया गया और 21 मार्च को सत्र अदालत में पेश किया गया.