विदेश की खबरें | अमेरिकी सांसदों ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. अहिंसा के वैश्विक प्रतीक बन चुके महात्मा गांधी को उनकी 151वीं जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अमेरिकी सांसदों ने कहा कि महात्मा गांधी का जीवन और विचार दुनियाभर में लोगों को प्रेरित करते हैं और “उन्होंने मानव इतिहास की दिशा बदल दी।”
वाशिंगटन, तीन अक्टूबर अहिंसा के वैश्विक प्रतीक बन चुके महात्मा गांधी को उनकी 151वीं जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अमेरिकी सांसदों ने कहा कि महात्मा गांधी का जीवन और विचार दुनियाभर में लोगों को प्रेरित करते हैं और “उन्होंने मानव इतिहास की दिशा बदल दी।”
न्यूयॉर्क से प्रभावशाली डेमोक्रेटिक सांसद ग्रेगरी मीक्स ने शुक्रवार को कहा, “बेहद कम मनुष्य ही हुए जो इतना आगे गए…महात्मा गांधी ऐसे ही एक व्यक्ति हैं जो न सिर्फ भारत बल्कि दुनियाभर में बदलाव लेकर आए और यह उनका नेतृत्व, विचार और कृतत्व था जिसने डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग को प्रेरित किया।”
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मीक्स सदन की विदेश मामलों की समिति के वरिष्ठ सदस्य हैं।
उन्होंने यहां भारतीय दूतावास के सामने गांधी प्लाजा में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि वह महात्मा गांधी के प्रभाव के बारे में जानते हैं। मीक्स ने कहा कि उनकी वजह से अमेरिका में अफ्रीकी अमेरिकी आज शक्तिशाली स्थानों पर मौजूद हैं।
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एक वीडियो संदेश में सांसद टॉम सूजी ने कहा कि महात्मा गांधी ने “मानव इतिहास की दिशा” बदल दी।
उन्होंने कहा, “उनके कृतत्व से बहुत से लोगों को प्रेरणा मिली। लेकिन जब हम उनके जीवन के बारे में सोचते हैं,तो उन्हें काफी मुश्किलों से गुजरना पड़ा। सोचिए जब उन्हें पीटा गया, जब जेल में उनके साथ बदसलूकी हुई और जब उन्होंने भूखमरी के कगार तक उपवास किया। भारत और दुनिया में जीवन को बदलने की दिशा में सफर में इन संघर्षों का उन्हें सामना करना पड़ा।”
सांसद पीट ओल्सन ने कहा कि गांधी सही मायनों में शांति का नजरिया रखते थे। भारतीय दूतावास द्वारा यहां आयोजित डिजिटल कार्यक्रम में अपने वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, “ब्रिटिश शासन के दौरान गांधी ने भारत में अपने साथी देशवासियों के साथ अन्याय होते देखा और इसे बदलने की ठानी। ब्रिटिश शासन को हमेशा के लिये भारत से निकालने के लिये वह भारत के अहिंसक स्वतंत्रता आंदोलन के नेता बने।”
सांसद टेड योहो ने कहा कि गांधी द्वारा ‘ग्रेट ब्रिटेन’ से भारत की स्वतंत्रता के लिये अपनाए गए अहिंसक आंदोलन की वजह से आजादी मिली।
उन्होंने कहा, “उनके नजरिये ने बहुतों को प्रेरित किया जिनमें डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग भी शामिल थे जिन्होंने 1960 के दशक में देश के नागरिक अधिकार कानून के लिये शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया।”
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यहां भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि महात्मा गांधी कभी अमेरिका नहीं आए लेकिन वह अमेरिकी दर्शनशास्त्री हेनरी डेविड थोरो और राल्फ वाल्डो एमर्सन से काफी प्रभावित थे।
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