विदेश की खबरें | अमेरिका ने 11 सितंबर आतंकी हमलों की 21वीं बरसी मनाई
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. न्यूयॉर्क में ‘ग्राउंड जीरो’ पर घंटियां बजने और लोगों के कुछ पल मौन रखने के साथ समारोह शुरू हुआ, जहां वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावर को 11 सितंबर, 2001 को अपहृत-विमान के जरिए किए गए हमलों से नष्ट कर दिया गया था। हमले में मारे गए लोगों के रिश्तेदार और गणमान्य व्यक्ति पेंटागन और पेंसिल्वेनिया में हमले वाले दो अन्य स्थल पर एकत्र हुए।
न्यूयॉर्क में ‘ग्राउंड जीरो’ पर घंटियां बजने और लोगों के कुछ पल मौन रखने के साथ समारोह शुरू हुआ, जहां वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावर को 11 सितंबर, 2001 को अपहृत-विमान के जरिए किए गए हमलों से नष्ट कर दिया गया था। हमले में मारे गए लोगों के रिश्तेदार और गणमान्य व्यक्ति पेंटागन और पेंसिल्वेनिया में हमले वाले दो अन्य स्थल पर एकत्र हुए।
देशभर में लोग इस दिन मोमबत्तियां जलाकर, अंतर-धार्मिक सेवाओं और अन्य कार्यक्रमों के जरिए पीड़ितों को याद कर रहे हैं। कुछ अमेरिकी स्वयंसेवी के तौर पर विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं जिसे संघीय सरकार से ‘देशभक्ति दिवस’ और ‘राष्ट्रीय सेवा और स्मरण दिवस’ दोनों के रूप में मान्यता मिली हुई है।
पिछले साल हमलों की बरसी में एक महत्वपूर्ण पड़ाव आया था। हमलों की बरसी से कुछ सप्ताह पहले ही अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान से वापसी कर चुके थे जो कि हमलों के बाद जवाबी कार्रवाई के लिए वहां गए थे।
आतंकी हमलों में करीब 3,000 लोगों ने जान गंवाई थी जिसके बाद अमेरिका ने दुनियाभर में आतंकवाद के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया और राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को नये सिरे से तैयार किया।
इससे अमेरिकियों में राष्ट्रीय गर्व की भावना भी पैदा हुई जबकि देश में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों को आगामी वर्षों में संदेह और कलंक के साये में रहना पड़ा। आतंकी हमलों ने अमेरिका की राजनीति और जनजीवन को झकझोर दिया। उन हजारों लोगों के जीवन पर भी गहरा असर पड़ा जिन्होंने अपने रिश्तेदारों, दोस्तों और सहयोगियों को खो दिया।
सेकू सिबी के 70 से अधिक सहकर्मी, ट्रेड सेंटर के उत्तरी टॉवर के ऊपर स्थित रेस्तरां ‘विंडोज ऑन द वर्ल्ड’ में मारे गए। सिबी को उस सुबह काम पर जाना था लेकिन उनकी जगह दूसरे रसोइए को काम पर बुला लिया गया।
सिबी ने फिर कभी रेस्तरां की नौकरी नहीं की। आज भी उन्हें हमले के दिन की सारी घटनाएं याद हैं। आयवरी कोस्ट से आए अप्रवासी सिबी इस बात से जूझ रहे थे कि ऐसे देश में इस तरह के आतंक को कैसे समझा जाए जहां वह बेहतर जीवन की तलाश में आए थे।
सिबी पहले की तरह फिर से किसी को अपना निकट दोस्त नहीं बना पाए जो ‘विंडोज ऑन द वर्ल्ड’ में उनका अपने सहयोगियों से रिश्ता था। सिबी ने कहा कि यह बहुत दुखद होता है जब आपको पता चलता है कि आपके इर्द-गिर्द जो चीजें चल रही हैं उसपर आपका कोई नियंत्रण नहीं है।
रेस्तरां कर्मचारियों के अधिकारों की पैरवी करने वाले संगठन ‘आरओसी यूनाइटेड’ के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सिबी ने कहा, ‘‘हर 9/11 उस चीज की याद दिलाता है जिसे मैंने खोया है जिसे मैं कभी वापस नहीं पा सकता।’’
घटना के शिकार कुछ लोगों के रिश्तेदारों को यह भी अफसोस है कि एक राष्ट्र जो हमलों के बाद कुछ हद तक एक साथ आया, तब से काफी अलगाव का शिकार हो चुका है। इतना ही नहीं संघीय सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां, जिन्हें 11 सितंबर के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर ध्यान केंद्रित करने के लिए फिर से आकार दिया गया था, पे अब घरेलू हिंसक चरमपंथ के खतरे को समान रूप से महत्वपूर्ण मानते हैं।
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