लखनऊ: समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बृहस्पतिवार को आगामी विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में पार्टी के सत्ता में आने पर राज्य कर्मचारियों (State Employees) की बंद हो चुकी पुरानी पेंशन (Pension) को बहाल करने और यश भारती पुरस्कार (Yash Bharti Award) को दोबारा शुरू करने का वादा किया. अपने छोटे भाई प्रतीक की पत्नी अपर्णा यादव (Aparna Yadav) के बाद एक अन्य रिश्तेदार के भाजपा (BJP) में शामिल होने के सवाल पर अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा, ''भाजपा कम से कम हमारे परिवारवाद को तो खत्म कर रही है, इसके लिए उसे धन्यवाद.'' UP Assembly Elections 2022: अखिलेश यादव का CM योगी पर तंज, कहा- काम चोरी वाले मुख्यमंत्री हैं, इसलिए उन्हें सजा देने के लिए पैदल-पैदल चलाया
यादव ने बृहस्पतिवार को एक पत्रकार वार्ता में कहा, ''समाजवादी पार्टी ने फैसला लिया है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार बनने पर पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली होगी. इस बात को समाजवादी पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा.''
उन्होंने यह भी कहा कि सपा व सहयोगियों की सरकार आने पर ‘यशभारती सम्मान’ दोबारा बहाल किया जाएगा. सपा नेता ने कहा कि नगरों में ‘नगर-भारती’ सम्मान-पत्र उत्कृष्ट समाजसेवियों, साहित्यकारों, पत्रकारों, कलाकारों, खिलाड़ियों व नौकरी-रोज़गार सृजित करनेवाले उद्यमियों तथा पेशेवर लोगों को दिये जाएंगे.
ज्ञातव्य है कि सरकारी सेवा में नियुक्त शिक्षक, कर्मचारी एवं अधिकारियों को सेवानिवृत्ति होने पर जीवनयापन के लिए मासिक पेंशन दी जाती थी. केंद्र की तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी सरकार ने नियमावली बनायी थी, जिसके आधार पर अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षक और कर्मचारियों की मासिक पेंशन की योजना समाप्त की गयी.
अखिलेश ने कहा कि कर्मचारी नेताओं और वित्तीय जानकारी रखने वालों के साथ विचार-विमर्श के बाद समाजवादी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणापत्र में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा, "मैं आज घोषणा करता हूं कि समाजवादी सरकार बनते ही पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल कर दी जाएगी. इसमें जो भी धनराशि की आवश्यकता होगी उसकी व्यवस्था कर ली जाएगी. इसके अलावा कर्मचारियों के लिए कैशलेस इलाज की भी व्यवस्था की जाएगी. साथ ही वित्तविहीन शिक्षकों को सम्मानजनक धनराशि प्रदान की जाएगी.''
इस बीच, उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने ''को बताया कि प्रदेश में वर्तमान में (2005 के बाद) करीब 10 लाख शिक्षक और कर्मचारी कार्यरत हैं जिनको पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है.
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