अखिलेश यादव लगवायेंगे कोरोना वायरस रोधी टीका
अखिलेश यादव (Photo Credits: PTI)

लखनऊ, 8 जून : समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मंगलवार को कहा कि वह भी कोरोना वायरस रोधी टीका लगवायेंगे. यादव ने ट्वीट किया, जनाक्रोश को देखते हुए आख़िरकार सरकार ने कोरोना वायरस रोधी टीके के राजनीतिकरण की जगह ये घोषणा की कि टीके वह लगवाएगी. हम भाजपा के टीके के ख़िलाफ़ थे पर ‘भारत सरकार’ के टीके का स्वागत करते हुए हम भी टीका लगवाएंगे व टीके की कमी से जो लोग टीका नहीं लगवा सके थे उनसे भी लगवाने की अपील करते हैं.'' गौरतलब है कि इस साल जनवरी में जब कोरोना वायरस का टीका आया था, तब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार से पूछा था कि टीकाकरण अभियान (Vaccination Campaign) कैसे चलाया जाएगा और गरीबों को मुफ्त में टीका कब मिलेगा.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि उन्हें देश के डॉक्टरों पर भरोसा है लेकिन सरकार पर नहीं. उन्होंने कहा था कि एक साल बाद, जब सपा की सरकार सत्ता में आएगी, हम सभी के लिए मुफ्त टीका सुनिश्चित करेंगे. यादव ने यह कहते हुए विवाद भी खड़ा कर दिया था कि वह खुद भाजपा का टीका नहीं लगवाएंगे. हालांकि बाद में उन्होंने कहा था कि वह वैज्ञानिकों का जिक्र नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा था, "हमें अपने डॉक्टरों पर पूरा भरोसा है, लेकिन सरकार पर नहीं... यह अच्छा है कि कोरोना वायरस का टीका आ गया है, लेकिन डॉक्टर जो कहते हैं, उस पर विश्वास करें, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर नहीं.'' सोमवार को समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने कोरोना वायरस रोधी टीका लगवाया था तब भारतीय जनता पार्टी ने अखिलेश यादव को कटघरे में खड़ा किया था. यह भी पढ़ें : COVID-19 Update: देश में दो महीने बाद कोविड-19 के एक लाख से कम नए मामले आए सामने

सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने ट्वीट किया था, ''एक अच्छा संदेश, आशा करता हूं कि सपा के कार्यकर्ता और उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष भी अपनी पार्टी के संस्थापक से प्रेरणा लेंगे.'' वहीं, सोमवार को प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया था, ''सपा संरक्षक व पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव स्वदेशी टीका लगवाने के लिए आपका धन्यवाद. आपके द्वारा टीका लगवाना इस बात का प्रमाण है कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा टीके को लेकर अफवाह फैलाई गयी थी. इसके लिए अखिलेश यादव को माफ़ी मांगनी चाहिए.''