समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार से पार्टी के लोकसभा सदस्य मोहम्मद आजम खां (Azam Khan), उनकी पत्नी एवं बेटे को माहे रमजान के पवित्र दिनों में इबादत और रोजे का फर्ज अदा करने के लिए जेल से रिहाई कर सदाशयता का परिचय देने का आग्रह किया है.
यादव ने गुरूवार को जारी एक बयान में कहा कि कई बार मंत्री और विधायक,राज्यसभा के सदस्य रह चुके मोहम्मद आजम खां प्रदेश के प्रतिष्ठित राजनेता हैं और मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय जैसा उच्च शैक्षणिक संस्थान उन्हीं की देन है. उन्होंने उनकी पत्नी के भी विधायक होने का उल्लेख करते हुए यह भी कहा कि दोनों बीमार हैं, सरकार उनके साथ जो व्यवहार कर रही है वह अशोभनीय है.
यह भी पढ़ें: रमजान 2020: केरल और कर्नाटक में हुआ चांद का दीदार, इबादत का पवित्र महीना कल से शुरू
यादव ने सत्ताधारी दल पर मोहम्मद आजम खां के प्रति विद्वेषपूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आजम खां साहब पर सरकारी इशारे पर तमाम फर्जी मुकदमे दर्ज किए गए हैं और उन्हें जेल में रखकर प्रताड़ित किया जा रहा है एवं सत्तारुढ़ दल उनकी छवि बिगाड़ने पर तुला है. यादव ने दावा किया कि भाजपा सरकार के आचरण से समाज का एक वर्ग बुरी तरह आतंकित है और उसमें असुरक्षा की भावना फैल रही है.
उन्होंने कहा कि आजम खां साहब भाजपा की बदले की भावना के शिकार हैं एवं भाजपा हर मामले को साम्प्रदायिक रंग देने का काम कर रही है. यादव ने कहा, ‘‘रमजान के पवित्र महीने में लोग संयम, इबादत के साथ सबके भले के लिए दुआएं करते हैं. मोहम्मद आजम खां और उनके परिवार को भी देश के स्वतंत्र नागरिक के रूप में अपने धार्मिक फर्ज की अदायगी का पूरा अवसर मिलना चाहिए. ’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)