पुणे, 26 अप्रैल बारामती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचन अधिकारी ने एक रिपोर्ट दाखिल की है जिसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की ‘वोट के बदले निधि’ संबंधी टिप्पणी से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का प्रथमदृष्टया कोई सबूत नहीं है।
शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने आदर्श आचार संहिता और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए भारत निर्वाचन आयोग में अजित पवार के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी।
बारामती निर्वाचन क्षेत्र के इंदापुर में एक चुनावी रैली में, अजित पवार ने हाल में कहा था, ‘‘जहां तक निधि का सवाल है, आप जितना चाहेंगे, हम आपको उतना सहयोग करेंगे, लेकिन साथ ही इसके लिए मतदाताओं को बड़ी संख्या में पहुंचकर ईवीएम का बटन दबाना है। यदि ऐसा होगा तो मुझे भी निधि आवंटित करने में अच्छा लगेगा, नहीं तो खुद को रोकना होगा।’’
अजित पवार राज्य के वित्त मंत्री भी हैं।
विपक्ष ने अजित पवार के इस बयान की आलोचना की थी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख अजित पवार के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए निर्वाचन आयोग का रुख किया था।
बारामती की निर्वाचन अधिकारी कविता द्विवेदी ने कहा कि उन्होंने शिकायत मिलने के बाद जांच शुरू की और अजित पवार से जवाब मांगा।
द्विवेदी ने इस बात की पुष्टि की कि उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को एक रिपोर्ट सौंपी है जिसमें कहा गया है कि उन्होंने अजित पवार के भाषण का वीडियो देखा है और आदर्श आचार संहिता का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।
द्विवेदी ने कहा, ‘‘वीडियो में की गई टिप्पणियों में किसी विशेष उम्मीदवार के नाम का उल्लेख नहीं है जिसके लिए वोट मांगे गए हैं। उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि ‘हमारी’ मशीन के बटन दबाओ ताकि वह निधि आवंटित कर सकें। यहां वह किसी विशेष उम्मीदवार या उनके उम्मीदवार या पार्टी के बारे में बात नहीं कर रहे हैं।’’
पुणे के जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सुहास दिवासे ने ‘पीटीआई-’ से कहा कि बारामती की निर्वाचन अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस मामले में आदर्श आचार संहिता का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।
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