देश की खबरें | दिल्ली में हवा की मंद गति की वजह से वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में

नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर राष्ट्रीय राजधानी में दो दिन के अंतराल के बाद रविवार को वायु गुणवत्ता फिर से ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई क्योंकि मंद हवाओं ने प्रदूषकों को बिखरने से रोक दिया। राष्ट्रीय राजधानी के कुछ इलाकों में प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे 355 दर्ज किया गया, जबकि शनिवार को यह 255 था।

सीपीसीबी ने शहर के 40 निगरानी केंद्रों में से 37 के आंकड़ों को साझा किया। इसके मुताबिक तीन केंद्रों बवाना, बुराड़ी और जहांगीरपुरी में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई।

दिल्ली से सटे शहरों ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और नोएडा में भी वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ तथा फरीदाबाद और गुरुग्राम में ‘खराब’ दर्ज की गई।

सर्दियों के दौरान दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत आपातकालीन उपायों में वायु गुणवत्ता को चार चरणों पहला एक्यूआई 201 से 300 होने पर ‘खराब’, दूसरा चरण एक्यूआई 301 से 400 होने पर ‘बहुत खराब’, तीसरा चरण एक्यूआई 401 से 450 होने पर ‘गंभीर’ और चौथा चरण एक्यूआई 450 से ऊपर होने पर ‘गंभीर प्लस’ में वर्गीकृत किया गया है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, शहर में हवा की गति शून्य किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई। हवा की अनुकूल गति के कारण पिछले दो दिनों में दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ से सुधरकर ‘खराब’ हो गई थी।

सीपीसीबी के अनुसार, रविवार को दिल्ली में प्रमुख प्रदूषक पीएम 10 और पीएम 2.5 थे। आंकड़ों के मुताबिक रविवार शाम पांच बजे पीएम 2.5 का स्तर 110.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया।

पीएम 2.5 सूक्ष्म कण है जो श्वसन तंत्र में गहराई तक प्रवेश कर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।

पीएम 10 एक ऐसा कण है जिसका व्यास 10 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है। हवा में मौजूद ये छोटे ठोस या तरल कण सांस के साथ फेफड़ों में गहराई तक जा सकते हैं, जिससे दमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियां होने की आशंका रहती है।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए केंद्र की निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, रविवार को दिल्ली के प्रदूषण में वाहनों से निकलने वाले धुएं का सबसे बड़ा योगदान था, जो लगभग 13 प्रतिशत था। इसने भविष्यवाणी की है कि अगले दो दिनों तक वाहनों से निकलने वाला उत्सर्जन की हिस्सेदारी दिल्ली के प्रदूषण में सबसे अधिक रहेगी।

आईएमडी के मुताबिक दिल्ली में अधिकतम तापमान 34.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से दो डिग्री अधिक है।

मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार को शहर में आसमान साफ ​​रह सकता है। राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को न्यूनतम और अधिकतम तापमान क्रमश: 20 डिग्री सेल्सियस और 34 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है।

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