देश की खबरें | एआईएफएफ ने महासचिव पद से शाजी प्रभाकरन की बर्खास्तगी को ‘सर्वसम्मति’ से स्वीकृति दी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की कार्यकारी समिति ने गुरुवार को महज औपचारिकता पूरी करते हुए ‘विश्वास तोड़ने’ के लिए महासचिव के हाई प्रोफाइल पद से शाजी प्रभाकरन को बर्खास्त करने की पुष्टि की।
नयी दिल्ली, नौ नवंबर अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की कार्यकारी समिति ने गुरुवार को महज औपचारिकता पूरी करते हुए ‘विश्वास तोड़ने’ के लिए महासचिव के हाई प्रोफाइल पद से शाजी प्रभाकरन को बर्खास्त करने की पुष्टि की।
यहां अध्यक्ष कल्याण चौबे की अध्यक्षता में एआईएफएफ की कार्यकारी समिति की बैठक में कार्यवाहक महासचिव के रूप में कर्नाटक के अधिकारी सत्यनारायण एम की नियुक्ति को भी मंजूरी दी गई।
विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘(कार्यकारी) समिति ने महासचिव के रूप में डॉ. शाजी प्रभाकरन के अनुबंध को समाप्त करने और एम सत्यनारायण को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के कार्यवाहक महासचिव के रूप में नियुक्त करने के निर्णय की पुष्टि की।’’
प्रभाकरन को मंगलवार को महासचिव पद से बर्खास्त कर दिया गया था और कार्यकारी समिति की बैठक से दो दिन पहले चौबे ने उन्हें बर्खास्तगी का आदेश दिया था।
हाल ही में उप महासचिव नियुक्त किए गए सत्यनारायण ने कहा कि एआईएफएफ की कार्यकारी समिति ने ‘सर्वसम्मति’ से प्रभाकरन को बर्खास्त करने के फैसले की पुष्टि की।
सत्यनारायण ने पीटीआई से कहा, ‘‘कार्यकारी समिति के किसी भी सदस्य की ओर से कोई आपत्ति नहीं थी, यह एक सर्वसम्मत निर्णय था (महासचिव के रूप में शाजी प्रभाकरन की बर्खास्तगी की पुष्टि करना)।’’
भारत के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया और क्लाइमेक्स लॉरेंस सहित चार सदस्य अनुपस्थित थे।
प्रभाकरन को इस पद पर नियुक्ति के 14 महीने बाद बर्खास्त कर दिया गया जबकि राष्ट्रीय महासंघ ने यह उल्लेख नहीं किया कि किस विश्वास उल्लंघन के कारण यह कार्रवाई की गई। प्रभाकरन ने अपनी बर्खास्तगी को ‘साजिश’ बताया था।
प्रभाकरन ने बर्खास्तगी के फैसले की संवैधानिक वैधता को भी चुनौती देते हुए कहा था कि इसे एआईएफएफ की कार्यकारी समिति से पूर्व में मंजूरी नहीं मिली थी। हालांकि उपाध्यक्ष एनए हारिस ने कहा था कि अध्यक्ष महासचिव की नियुक्ति और बर्खास्तगी सकते हैं क्योंकि यह पद वैतनिक होता है।
बैठक के दौरान चौबे ने कहा कि इस सत्र में अरुणाचल प्रदेश में आयोजित होने वाली संतोष ट्रॉफी के लिए राष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप को फीफा संतोष ट्रॉफी के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने साथ ही कहा कि नौ या 10 मार्च को होने वाले टूर्नामेंट के फाइनल के लिए फीफा अध्यक्ष जियानी इनफेंटिनो के भारत आने की उम्मीद है।
एआईएफएफ ने हालांकि यह पुष्टि नहीं की कि क्या संतोष ट्रॉफी के आयोजन के लिए फुटबॉल की वैश्विक संस्था एआईएफएफ को कोई वित्तीय मदद देगी या नहीं।
चौबे ने कहा कि एआईएफएफ अधिकारी फीफा के वैश्विक फुटबॉल विकास प्रमुख और प्रसिद्ध कोच आर्सीन वेंगर के साथ विस्तृत चर्चा करेंगे जो प्रस्तावित फीफा-एआईएफएफ अकादमियों की योजना तैयार करने के लिए 19 से 23 नवंबर तक भारत का दौरा करने वाले हैं।
उन्होंने सदस्यों को स्तरीय गोलकीपर तैयार करने के लिए गोलकीपर अकादमी स्थापित करने की योजना के बारे में भी जानकारी दी। स्वयं भारत के पूर्व गोलकीपर चौबे ने सदस्यों को बताया कि उन्होंने जर्मनी के महान गोलकीपर ओलिवर कान के साथ बैठक की जो हाल ही में निजी यात्रा पर भारत आए थे।
खेल को दूर-दूर तक फैलाने के लिए आई लीग के कुछ मैच झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में कराने के चौबे के सुझाव को कार्यकारी समिति ने स्वीकार कर लिया।
कार्यकारी समिति ने भारत के पूर्व खिलाड़ियों मोहम्मद हबीब और प्रभाकर मिश्रा के निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एक मिनट का मौन रखा।
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