नयी दिल्ली, 25 अगस्त दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी और पूर्व भारतीय कप्तान बाइचुंग भूटिया ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के दो सितंबर को होने वाले चुनाव के लिए गुरुवार को अध्यक्ष पद के लिए नए सिरे से नामांकन भरा, जिससे उनके और पूर्व गोलकीपर कल्याण चौबे के बीच सीधी भिड़ंत तय है।
पर इसमें चौबे ‘फ्रंट रनर’ (प्रबल दावेदारों में बढ़त बनाये) के तौर पर सामने आ रहे हैं।
पदम श्री से सम्मानित 45 वर्षीय फुटबॉलर भूटिया के नाम का प्रस्ताव आंध्र फुटबॉल संघ ने किया जबकि राजस्थान फुटबॉल संघ ने उसका अनुमोदन किया।
मोहन बागान और ईस्ट बंगाल के पूर्व गोलकीपर तथा पश्चिम बंगाल में भाजपा के नेता कल्याण चौबे को भी अध्यक्ष पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
चौबे के नाम का प्रस्ताव गुजरात फुटबॉल संघ ने किया जबकि उसका अनुमोदन अरुणाचल प्रदेश फुटबॉल संघ ने किया। चौबे ने 2019 में पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन इसमें हार गये थे।
एआईएफएफ के सूत्रों के अनुसार अगर रणनीति में अंतिम मिनट में कोई बदलाव नहीं होता है तो दो सितंबर को होने वाले चुनाव में केवल भूटिया और चौबे ही अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल होंगे।
निर्वाचन अधिकारी उमेश सिन्हा ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद 34 सदस्यीय निर्वाचक मंडल पहले ही तैयार कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने फीफा महिला अंडर-17 विश्व कप बचाने की मुहिम में सोमवार को प्रशासकों की समिति (सीओए) को खत्म कर अपने पूर्व आदेश को बदल दिया था।
पता चला है कि कई राज्य संघों ने बुधवार को यहां बैठक में एआईएफएफ अध्यक्ष पद के लिये चौबे को अपने उम्मीदवार के रूप में आम सहमति देने का फैसला किया है।
राज्य संघ के एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा, ‘‘कल्याण चौबे के नाम पर सभी राज्य संघों में आम सहमति है। लेकिन अंतिम मिनट में कुछ संघों ने भूटिया को समर्थन देने का फैसला किया जो कुछ मुद्दों पर खुश नहीं हैं। ’’
भूटिया ने कहा,‘‘ मैंने एआईएफएफ अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन भर दिया है और मुझे लगता है कि मैं इस पद के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति हूं।’’
उन्होंने कहा,‘‘ मैंने देश के लिए और शीर्ष क्लबों के लिए इतने अधिक मैच खेले हैं तथा मैं प्रशासन के बारे में भी थोड़ा बहुत जानता हूं क्योंकि मैं खेल मंत्रालय थे मिशन ओलंपिक विभाग और कई अन्य समितियों में हूं। मैं चाहता हूं कि भारतीय फुटबॉल नई ऊंचाइयों पर पहुंचे।’’
भूटिया ने इससे पहले भी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरा था। तब उनके नाम का प्रस्ताव उनके पूर्व साथी खिलाड़ी दीपक मंडल ने किया था जबकि प्रतिष्ठित महिला फुटबॉलर मधु कुमारी ने उसका अनुमोदन किया था।
फुटबॉल दिल्ली के अध्यक्ष शाजी प्रभाकरण ने इस बार चुनाव में नहीं खड़े होने का फैसला किया है, हालांकि उन्होंने तब नामांकन पत्र दाखिल किया था जब उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त सीओए के अंतर्गत चुनाव कराये जाने थे।
सूत्रों के अनुसार अगर चौबे की अगुआई वाला ग्रुप चुनाव जीतता है तो प्रभाकरण एआईएफएफ के महासचिव बन सकते हैं।
कांग्रेस विधायक और कर्नाटक संघ के अध्यख प्रमुख एन ए हैरिस का निर्विरोध उपाध्यक्ष चुना जाना तय है क्योंकि उन्हें एआईएफएफ की ज्यादातर राज्य इकाईयों का समर्थन मिला है।
एक अन्य पद जिसके लिये मुकाबला हो सकता है, वह कोषाध्यक्ष पद है। अरूणाचल प्रदेश के किपा अजय का आंध्र प्रदेश के गोपालकृष्णा कोसाराजू के खिलाफ आसानी से जीत दर्ज करने की उम्मीद है।
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