चेन्नई, 26 दिसंबर अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के महासचिव ई. के. पलानीस्वामी ने मंगलवार को कहा कि न्यायापालिका और निर्वाचन आयोग यह मान चुके हैं कि पार्टी का नेतृत्व उनके हाथ में है, ऐसे में पार्टी ‘तेजी’ से काम करते हुए यह सुनिश्चित करेगी कि संसद में जनता की आवाज सुनी जाए।
पलानीस्वामी ने दावा किया कि राष्ट्रीय दलों के साथ गठबबंधन तमिलनाडु के लिए ठीक नहीं है क्योंकि दोनों कांग्रेस या भाजपा नीत गठबंधनों ने हमेशा राज्य के साथ सौतेला व्यवहार किया है।
उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक पहले ही यह स्पष्ट कर चुकी है कि वह भारतीय जनता पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन नहीं करेगी।
पलानीस्वामी ने कहा, "हम प्रभावित हो रहे हैं और हाशिए पर डाल दिए गए हैं क्योंकि राष्ट्रीय दल गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रहे। राष्ट्रीय दलों पर निर्भर रहने का कोई मतलब नहीं है। वोट देने वाले लोग हमारे मालिक हैं। हम किसी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने के बजाय अपने मालिकों के लिए काम करेंगे।"
अन्नाद्रमुक का महासचिव चुने जाने के बाद उन्होंने पार्टी की आम परिषद और कार्यकारी समिति की बैठक में अपने पहले संबोधन में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक यह सुनिश्चित करेगी कि संसद में लोगों की आवाज सुनी जाए। उन्होंने बताया कि अतीत में अन्नाद्रमुक ने तमिलनाडु से संबंधित मुद्दों को उठाने में प्रभावी ढंग से काम किया था।
बैठक में उन्होंने कहा, "हमारे 37 सांसदों ने कावेरी मुद्दे पर 22 दिन तक संसद में आवाज उठाई। हम जनता के लिए काम करेंगे, तमिलनाडु के विकास के लिए अधिक धन सुनिश्चित करेंगे।"
पार्टी के अपदस्थ पूर्व समन्वयक ओ. पन्नीरसेल्वम पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए पलानीस्वामी ने आरोप लगाया, "कुछ गद्दारों ने अन्नाद्रमुक को नष्ट करने के लिए हमारे दुश्मनों से हाथ मिलाया। लेकिन न्याय हमारे पक्ष में था और अदालत में हमारी जीत हुई। भारतीय निर्वाचन आयोग ने हमें मान्यता दी है। अब से अन्नाद्रमुक तेजी से काम करेगी।”
कोयंबटूर में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए पन्नीरसेल्वम ने कहा, "अगर मैं अन्नाद्रमुक शासन के दौरान हुई गलतियों का खुलासा करूंगा तो पलानीस्वामी को तिहाड़ जेल जाना पड़ेगा।"
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