बीजिंग, 26 दिसंबर चीन के रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि चीन और भारत की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को समाप्त करने के लिए हुए समझौते को ‘‘व्यापक और प्रभावी रूप से’’ लागू कर रही हैं और इसमें ‘‘निरंतर प्रगति’’ हुई है।
चीन के रक्षा प्रवक्ता कर्नल झांग शियाओगांग ने यहां प्रेस वार्ता के दौरान 18 दिसंबर की विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता को लेकर एक सवाल का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की।
उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में, चीन और भारत की सेनाएं दोनों पक्षों के बीच सीमा संबंधी समझौतों को व्यापक और प्रभावी ढंग से लागू कर रही हैं और इसमें लगातार प्रगति हुई है।’’
उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में, दोनों देशों के नेताओं द्वारा बनी आम सहमति के आधार पर, चीन और भारत ने कूटनीतिक और सैन्य तरीकों से सीमा की स्थिति पर निरंतर संपर्क बनाए रखा है और काफी प्रगति हासिल की है।
भारत और चीन के बीच 21 अक्टूबर को हुए समझौते के बाद, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने यहां मुलाकात की और समझौते के कार्यान्वयन और संबंधों की बहाली पर व्यापक बातचीत की थी।
विशेष प्रतिनिधि वार्ता तंत्र को पुनर्जीवित करने का निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच अक्टूबर में रूस के कजान में हुई बैठक में लिया गया था।
कर्नल झांग ने कहा कि चीन-भारत संबंधों को सही रास्ते पर लाना दोनों देशों के लोगों के हितों को पूरा करने के लिए जरूरी है।
उन्होंने कहा, ‘‘चीनी सेना दोनों नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति को ईमानदारी से लागू करने, अधिक आदान-प्रदान और संपर्क करने तथा चीन-भारत सैन्य संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारतीय पक्ष के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है, ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थायी शांति और सौहार्द का माहौल कायम किया जा सके।’’
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैन्य गतिरोध मई 2020 में शुरू हुआ था और उसके बाद उसी वर्ष जून में गलवान घाटी में घातक झड़प हुई, जिसके परिणामस्वरूप दोनों पड़ोसियों के संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया था।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)