इंदौर, 29 अक्टूबर : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार लंदन के एक संग्रहालय में रखी वाग्देवी (सरस्वती) की पवित्र प्रतिमा को भारत वापस लाने के प्रयास फिर से शुरू करेगी. हिंदू समुदाय द्वारा वाग्देवी की प्रतिमा वापस लाने की मांग हालांकि बरसों से की जा रही है, लेकिन मुख्यमंत्री ने यह बात ऐसे समय में कही है, जब भारतीय मूल के ऋषि सुनक हाल ही में ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए हैं. माना जाता है कि इंदौर के पास स्थित धार के राजा भोज ने वाग्देवी की प्रतिमा को इस प्राचीन नगरी के भोजशाला परिसर में 1034 ईस्वी में स्थापित किया था.
भारत में अपने शासन के दौरान अंग्रेज इस प्रतिमा को 1875 में लंदन ले गए थे. शिवराज ने इंदौर में ‘यंग थिंकर्स कॉनक्लेव’ के उद्घाटन समारोह में कहा, ‘‘मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि (लंदन के संग्रहालय में रखी) वाग्देवी की प्रतिमा को भारत वापस लाने की पहल प्रभावी ढंग से प्रारंभ की जाएगी.’’ उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध और दुनिया के अन्य टकरावों का जिक्र करते हुए कहा कि विश्व शांति की राह ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ (पूरा विश्व एक ही परिवार है) की भारतीय अवधारणा में निहित है. यह भी पढ़ें : Bharat Jodo Yatra: अभिनेत्री पूनम कौर, उस्मानिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने राहुल के साथ पदयात्रा की
गौरतलब है कि भोजशाला केंद्र सरकार के अधीन एएसआई (भारत पुरातत्व विभाग) का संरक्षित स्मारक है. हिंदुओं का मानना है कि भोजशाला वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर है, जबकि मुस्लिम समुदाय इस जगह को कमाल मौला की मस्जिद बताता है. एएसआई की बरसों से जारी व्यवस्था के तहत हिंदुओं को प्रत्येक मंगलवार को भोजशाला में पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुस्लिमों को हर शुक्रवार को इस जगह पर नमाज अदा करने की इजाजत है.