कोलंबिया में शांति समझौते के बाद वैज्ञानिकों को मिली तीन गुना नई प्रजातियां
फार्क समूह के साथ 2016 में शांति समझौता होने के बाद कोलंबिया के जंगलों में वैज्ञानिक पौधों की तीन गुना अधिक प्रजातियां खोजने में सफल रहे हैं.
फार्क समूह के साथ 2016 में शांति समझौता होने के बाद कोलंबिया के जंगलों में वैज्ञानिक पौधों की तीन गुना अधिक प्रजातियां खोजने में सफल रहे हैं.कोलंबिया के जंगलों में वैज्ञानिकों को मेंढक, ऑर्किड और बीटल (एक तरह का कीड़ा) समेत कई उभयचरों और पौधों की नई प्रजातियां मिल रही हैं. 2016 में आर्म्ड फोर्सेज ऑफ कोलंबिया (एफएआरसी या फार्क समूह) और सरकार के बीच हुए शांति समझौते के बाद फार्क ने हथियार छोड़ दिए. इसके बाद वहां के कई सुरक्षित हिस्सों में वैज्ञानिकों ने प्रकृति के नए रूप देखे हैं. एक नए विश्लेषण के अनुसार, समझौते के बाद कोलंबिया में हर साल पौधों की नई प्रजातियों में तीन गुना तक इजाफा हुआ है.
लैटिन अमेरिका का सबसे बड़ा गुरिल्ला समूह फार्क कोलंबिया में सरकारी सेना के खिलाफ पांच दशकों से लड़ रहा था. इसमें दो लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई, 70 लाख लोग बेघर हो गए और 40 हजार से ज्यादा लोग गुमशुदा हैं.
समझौते के बाद बढ़ी खोज
कोलंबिया के वनस्पतिशास्त्री ऑस्कर अलेहांद्रो-पेरेज-एस्कोबार ने एक विश्लेषण रिपोर्ट रॉयटर्स एजेंसी से साझा की है. रॉयल बॉटेनिक गार्डन किव में दर्ज लगभग 14 हजार कोलंबियाई पौधों की प्रजातियों के विश्लेषण में यह सामने आया है कि शांति समझौते के बाद के वर्षों में औसतन 178 नई खोजें प्रकाशित की गई हैं. शांति समझौते से पहले यह संख्या 57 थी.
कोलंबिया में वनों की कटाई की दर बीते 23 वर्षों में सबसे कम स्तर पर चली गई थी, लेकिन इस साल वनों के सामने संकट नए सिरे से उभरकर आया है. इस साल कई इलाकों में पड़े सूखे से आग की घटनाएं बढ़ीं तो अवैध खनन, लकड़ी काटने और सड़क निर्माण के चलते भी वनों की बलि चढ़ने का सिलसिला बढ़ा है. पर्यावरणविदों का मानना है कि कोलंबिया दुनिया की सबसे खतरनाक जगहों में से एक बन गई है. एक गैर-लाभकारी संस्था के अनुसार, यहां 79 लोगों की जान गई, जो एक किसी देश में ऐसे मामलों में जान गंवाने वालों का सबसे बड़ा आंकड़ा है.
पेरेज-एस्केबार ने रॉयटर्स से कहा, "हालांकि विश्लेषण यह दिखाता है कि शांति समझौते के बाद नई खोजें बढ़ी हैं लेकिन यह साबित नहीं करता कि यह सिर्फ शांति समझौते के कारण ही हैं."
कई नई प्रजातियां
किसी भी प्रजाति को खोज कर उनके नए होने की पुष्टि करने में कई साल लग सकते हैं. किव गार्डंस के वैज्ञानिकों द्वारा अगस्त में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, इस वर्ष कोलंबिया उन देशों की सूची में सबसे ऊपर रहा जहां पौधों की सबसे अधिक प्रजातियों की खोज की गई हो. कोलंबिया के राज्य समर्थित अलेक्जांडर फोन हुंबोल्ट बायोलॉजिकल रिसोर्स रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बीटल, मेंढक, मकड़ी समेत कई दर्जनों नई प्रजातियां खोजी हैं. यह ऐसे समय में एक बड़ी उपलब्धि है जबकि तेजी से जीव-जंतु विलुप्त हो रहे हैं.
इनमें सिसिलियन भी शामिल हैं जो बिना पैरों वाले उभयचर जीव का समूह है. ये जमीन के अंदर रहते हैं. हुंबोल्ट के कीट विज्ञान और अकशेरुकीय संग्रह का प्रबंधन करने वाले जॉन सीसर नेइता ने रॉयटर्स से कहा, "वह बहुत ही दुर्गम लेकिन कई जानकारियों और प्राकृतिक संपदा से भरपूर क्षेत्र थे." नेइता ने फार्क के क्षेत्र के बारे में कहा, "हम सभी वैज्ञानिक वहां जाना चाहते थे.”
वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन सोसायटी (डब्ल्यूसीएस) के वैज्ञानिकों ने 10 अन्य उभयचर जीवों की खोज भी की है. इसमें हरा-भूरा धारीदार वर्षा मेंढक ‘प्रिस्टिमांटिस पैक्टम्पेसिस' भी शामिल है, जिसे कोलंबिया के शांति समझौते के प्रतीक के तौर पर जाना जाता है. डब्ल्यूसीएस कोलंबिया के वैज्ञानिक निदेशक, जर्मन फोरेरो ने रॉयटर्स को बताया, "शांति समझौते के बाद डब्ल्यूसीएस शोधकर्ता पूर्वी कोलंबिया के गंभीर रूप से लुप्तप्राय ओरिनोको मगरमच्छों की गिनती करने के लिए ड्रोन का उपयोग कर पा रहे थे जो पहले संभव नहीं था."
हालांकि इस साल सशस्त्र समूह द्वारा की गई हिंसा में 100 लोगों के मारे जाने के बाद फिलहाल डब्ल्यूसीएस के कमर्चारी ओरिनोको मगरमच्छ के रहने की प्राकृतिक जगह की यात्रा नहीं कर रहे हैं.
सुरक्षा के मुद्दा पर चर्चा
कोलंबिया ने इस वर्ष के संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन, कॉप16 में सुरक्षा के मुद्दे को केंद्र में रखा है. दक्षिण-पश्चिमी कोलंबियाई शहर कैली में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम का मुख्य विषय "पीस विद नेचर (प्रकृति के साथ शांति)" रखा है. इस शिखर सम्मेलन की सुरक्षा के लिए 10,000 से अधिक सैनिक, पुलिस और संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. आयोजन में लगभग 200 देशों के प्रतिनिधि दुनियाभर में प्रकृति को संरक्षित करने के तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं.
रॉयटर्स की रिपोर्ट में कोलंबियाई सेना के सूत्रों के हवाले से देश के कुछ जैव विविधता वाले हिस्सों में सशस्त्र समूहों के बीच भयंकर युद्ध की बात कही गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, हरे-भरे वर्षावन और गीले मौसम वाले मशहूर प्रशांत प्रांत चोको में राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेना (ईएलएन) विद्रोही क्लान डेल गोल्फो गिरोह से लड़ रहे हैं, जबकि फार्क के असंतुष्ट समूह कई अमेजन प्रांतों में आमने-सामने हैं.
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि सशस्त्र समूहों द्वारा जारी हिंसा के साथ कोलंबिया अब तेजी से पर्यावरणीय खतरों के जोखिम में भी है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल के पहले तीन महीनों में वनों की कटाई 40 फीसदी तक बढ़ गई है. अप्रैल में पर्यावरण मंत्री सुजाना मुहम्मद ने अमेजन वर्षावन में वनों की कटाई के लिए एस्टडो मेयर सेंट्रल नाम के फार्क के पूर्व लड़ाकों के एक समूह को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि यह समूह बाहरी लोगों को अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में प्रवेश नहीं करने देता लेकिन स्थानीय लोगों पर सहयोग करने के लिए दबाव डालता है. सुजाना मुहम्मद ने अप्रैल में एक बयान में कहा, "सशस्त्र समूह द्वारा समुदायों पर मनोवैज्ञानिक दबाव डालना चिंताजनक है. वे प्रकृति को लेकर जारी संघर्ष के बीच में लेकर आ रहे हैं."
हाल ही में विभाजित एस्टडो मेयर सेंट्रल (ईएमसी) के गुट कैलार्का कॉर्डोबा का नेतृत्व करने वाले अलेक्जांडर डियाज मेंडोजा ने एक बयान में कहा, "समूह वनों की कटाई में शामिल नहीं है. यह स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर भविष्य बेहतर बनाने वाली प्रथाओं को बढ़ावा देने पर काम करता है." उनका कहना है कि वे ग्रीन बॉन्ड जैसे उत्पादों के माध्यम से जंगल के व्यवसायीकरण करने के सरकारी प्रयासों को रोकने के लिए प्रवेश पर पाबंदी लगाते हैं.