ओडिशा में चक्रवाती  'अम्फान' तूफान की आशंका, मछुआरों को समुद्र में ना जाने की सलाह
चक्रवाती तूफान | सांकेतिक तस्वीर | (Photo Credits: IANS)

भुवनेश्वर: ओडिशा में चक्रवाती तूफान की आशंका के मद्देनजर मछुआरों को गहरे समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है. मौसम विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी के दक्षिणपूर्व में कम दबाव वाला क्षेत्र शनिवार की सुबह अधिक दबाव वाले क्षेत्र में बदल गया और यह ओडिशा के पारादीप से लगभग 1,100 किलोमीटर दूर दक्षिण में केन्द्रित है. इस बीच राज्य सरकार ने 12 तटीय जिलों को सतर्क किया है और जिलाधिकारियों को वहां लोगों को वैकल्पिक स्थानों पर ले जाने के प्रबंध करने के लिए कहा है. भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एच आर विश्वास ने बताया कि अधिक दबाव वाला क्षेत्र के शनिवार की शाम तक एक चक्रवाती तूफान में और फिर बाद के 24 घंटे के दौरान भयंकर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है.

उन्होंने बताया कि शुरूआत में इसके 17 मई तक उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ने और फिर 18 मई से 20 मई के बीच पश्चिम बंगाल तट पर उत्तरपश्चिम बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ने की संभावना है. विश्वास ने बताया कि इसके प्रभाव से तटीय ओडिशा में 18 मई की शाम को दूरदराज के क्षेत्रों में भारी बारिश के साथ हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होने और 19 मई को कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है. उन्होंने बताया कि 20 मई को उत्तरी ओडिशा में भारी बारिश होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि मछुआरों को समुद्र में मछली नहीं पकड़ने की सलाह दी गई है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ओडिशा सरकार ने कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई के बीच इस संभावित आपदा से निपटने के लिए भी कमर कस ली है. यह भी पढ़े: Cyclone Amphan: कोरोना संकट के बीच मंडराया चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ का खतरा, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने कहा कि स्थिति को देखते हुए उत्तरी तटीय जिलों जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर एनडीआरएफ और अग्निशमन सेवा समेत अन्य बलों की तैनाती की जा सकती है. उन्होंने कहा कि ओडिशा ने ऐसी स्थिति का सामना पहले भी किया है इसलिए स्थिति का प्रबंधन सही तरीके से किया जाएगा. जेना ने कहा, ‘‘हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। हालांकि जिला प्रशासनों को कोविड-19 से निपटने के साथ-साथ अब संभावित चक्रवात से भी निपटना होगा.

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