आदित्य ठाकरे ने प्रवासी श्रमिकों के प्रदर्शन के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया
मुंबई में सैकड़ों प्रवासी मजदूर अपने मूल स्थानों को वापस जाने के वास्ते परिवहन व्यवस्था की मांग को लेकर मंगलवार दोपहर सड़क पर उतर आए। यह प्रदर्शन कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषणा किये जाने के कुछ घंटे बाद किया गया।
मुंबई, 14 अप्रैल महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने मंगलवार को यहां बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास सैकड़ों प्रवासी मजदूरों के विरोध प्रदर्शन के लिए केंद्र को दोषी ठहराया और प्रवासियों को उनके मूल स्थानों पर वापस भेजना सुगम बनाने के लिए एक कार्ययोजना की मांग की।
मुंबई में सैकड़ों प्रवासी मजदूर अपने मूल स्थानों को वापस जाने के वास्ते परिवहन व्यवस्था की मांग को लेकर मंगलवार दोपहर सड़क पर उतर आए। यह प्रदर्शन कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषणा किये जाने के कुछ घंटे बाद किया गया।
ठाकरे ने कई ट्वीट करके कहा, ‘‘बांद्रा में वर्तमान स्थिति जिसमें लोगों को अब तितर बितर कर दिया गया है और सूरत में हंगामा केंद्र सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिकों को वापस उनके घर भेजने के इंतजाम को लेकर कोई निर्णय नहीं कर पाने का परिणाम है।’’
ठाकरे ने कहा, ‘‘वे भोजन या आश्रय नहीं चाहते, वे घर जाना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के साथ मिलकर तैयार कार्ययोजना श्रमिकों को लॉकडाउन के दौरान एक राज्य से दूसरे राज्य में सफर करने तथा अपने घर पहुंचने में मदद करेगी।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को बार बार केंद्र के समक्ष उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि सभी प्रवासी श्रमिकों के इलाकों से प्राप्त प्रतिक्रिया एक ही है...ये श्रमिक अपने मूल स्थानों को वापस जाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में छह लाख से अधिक लोग पूरे महाराष्ट्र में विभिन्न आश्रय शिविरों में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ कई प्रवासी यहां (शिविरों में) रहने और भोजन करने से इनकार कर रहे हैं।’’
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