लॉकडाउन के दौरान बीमार पिता को देखने के लिए आरोपी को नहीं मिल अंतरिम जमानत

इस व्यक्ति ने एक महीने के लिए अंतरिम जमानत का अनुरोध करते हुये अपनी याचिका में कहा था कि उसके पिता (65) अस्थमा से पीड़ित हैं और आजीविका चलाने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि कोरोनावायरस से संक्रमित होने के संदह मे उन्हें पृथक वास में रखा गया है और वह ऑक्सीजन सिलेंडर पर हैं।

नयी दिल्ली, दस अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय ने डकैती के आरोप में जेल में बंद एक व्यक्ति को अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया है। आरोपी ने कोरोना वायरस से पीड़ित होने के संदिग्ध अपने पिता का फल का व्यवसाय चलाने के लिए अंतरिम जमानत का अनुरोध किया था।

इस व्यक्ति ने एक महीने के लिए अंतरिम जमानत का अनुरोध करते हुये अपनी याचिका में कहा था कि उसके पिता (65) अस्थमा से पीड़ित हैं और आजीविका चलाने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि कोरोनावायरस से संक्रमित होने के संदह मे उन्हें पृथक वास में रखा गया है और वह ऑक्सीजन सिलेंडर पर हैं।

वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करने वाले न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने कहा कि कोविड-19 के कारण पूरे देश में लॉकडाउन जारी है और अगर आरोपी रिजवान इकबाल को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया जाये तो भी वह अपने पिता से नहीं मिल पाएगा।

अदालत ने कहा कि आरोपी के माता-पिता का घर दिल्ली से करीब 180 किलोमीटर दूर है और अगर उसे अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाता है तो भी यहां से उत्तरप्रदेश के बिजनौर तक उसकी यात्रा का प्रबंधन करना कठिन होगा।

अदालत ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता को जमानत देने का कोई आधार नहीं है, इसलिए याचिका खारिज की जाती है।’’

आरोपी 2014 के एक मामले में संलिप्तता के कारण नवम्बर 2017 से ही जेल में बंद है।

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