देश की खबरें | आप ने उपराज्यपाल पर 'सुनियोजित साजिश' का आरोप लगाया

नयी दिल्ली, चार अक्टूबर उच्चतम न्यायालय द्वारा दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की स्थायी समिति के छठे सदस्य का चुनाव कराने में उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से की गई ‘‘अत्यधिक जल्दबाजी’’ पर सवाल उठाए जाने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना दिल्ली सरकार के खिलाफ ‘एक सुनियोजित साजिश के तहत काम कर रहे हैं’।

दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने ‘पीटीआई-वीडियो’ को बताया कि दिल्ली की महापौर शैली ओबेरॉय द्वारा चुनाव स्थगित किए जाने के बावजूद 27 सितंबर को रात 10 बजे स्थायी समिति का चुनाव कराने के लिए उपराज्यपाल ने जो अपनी शक्तियों का इस्तेमाल किया वह गलत था।

भारद्वाज ने कहा, ‘‘एलजी ने जो किया है वह बहुत शर्मनाक कृत्य है। एमसीडी में 15 साल तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में थी, फिर लोगों ने फैसला किया कि अब वे नगर निगम में ‘आप’ को देखना चाहते हैं, लेकिन भाजपा हर तरह से सत्ता पाने की कोशिश कर रही है और इसके लिए एलजी खुद मैदान में उतर गए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी जल्दबाजी दर्शाती है कि एलजी एक सुनियोजित साजिश के तहत काम कर रहे हैं जोकि एक संवैधानिक पद को शोभा नहीं देती ।’’

भारद्वाज ने कहा कि अब तक कोई और होता को वह एलजी पद से इस्तीफा दे चुका होता।

उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की 18 सदस्यीय स्थायी समिति के अंतिम सदस्य का चुनाव कराने में उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से की गई ‘‘अत्यधिक जल्दबाजी’’ और चुनावी प्रक्रिया में ‘हस्तक्षेप’ करने पर शुक्रवार को सवाल उठाया।

न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने उपराज्यपाल से कहा कि वह अगली सुनवाई तक स्थायी समिति के अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं कराए।

पीठ ने उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से उपस्थित अधिवक्ता से कहा, "यदि आप एमसीडी स्थायी समिति के अध्यक्ष के लिए चुनाव कराते हैं तो हम इसे गंभीरता से लेंगे।"

अदालत ने 27 सितंबर को स्थायी समिति के सदस्य के लिए चुनाव कराने के वास्ते उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा दिल्ली नगर निगम अधिनियम की धारा 487 के तहत शक्ति का इस्तेमाल करने की आलोचना की।

पीठ ने संक्षिप्त सुनवाई के दौरान कहा, ‘‘ धारा 487 एक कार्यकारी शक्ति है। आपको (एलजी) चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने की शक्ति कहां से मिली? यह विधायी कार्यों में हस्तक्षेप करने के लिए नहीं है। यह एक सदस्य का चुनाव है। यदि आप इस तरह हस्तक्षेप करते रहेंगे तो लोकतंत्र का क्या होगा? लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा।’’

दिल्ली नगर निगम अधिनियम की धारा 487 दिल्ली के उपराज्यपाल को नगर निगम के कामकाज में हस्तक्षेप करने की अनुमति देती है।

महापौर शैली ओबेरॉय ने पार्षदों के हंगामे के बाद चुनाव पांच अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया था। हालांकि, सक्सेना ने फैसले को पलट दिया और एमसीडी के आयुक्त अश्विनी कुमार को 27 सितंबर को चुनाव कराने का निर्देश दिया।

एमसीडी की स्थायी समिति के छठे सदस्य के लिए हुए चुनाव में भाजपा विजयी रही, जिससे स्थायी समिति में उसके 10 सदस्य हो गए। स्थायी समिति में सत्तारूढ़ आप के पास आठ सदस्य हैं।

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