नयी दिल्ली, 25 मई : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि जातिगत जनगणना उनकी सरकार के उस मॉडल की दिशा में एक कदम है जो हाशिये पर पड़े और हर क्षेत्र में पीछे रह गए लोगों को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. राजग शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता देश की आत्मनिर्भरता की दिशा में हासिल की गई उपलब्धियों की पुष्टि भी है. उन्होंने स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी की सटीकता को भी रेखांकित किया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने संवाददाताओं को बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) जाति की राजनीति में विश्वास नहीं करता, लेकिन जातिगत जनगणना से विकास के विभिन्न क्षेत्रों में पीछे छूट गए लोगों को मदद मिलेगी.
राजग के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की रविवार को हुई बैठक में सशस्त्र बलों की वीरता और मोदी के साहसिक नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया. प्रस्ताव राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पेश किया और शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसका समर्थन किया. सूत्रों ने बताया कि प्रस्ताव में कहा गया है कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारतीयों का आत्मविश्वास बढ़ाया है. मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए इसमें कहा गया कि उन्होंने हमेशा सशस्त्र बलों का समर्थन किया है और ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों को करारा जवाब दिया है. प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के अलावा राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा भी एक दिवसीय बैठक में शामिल हुए. इस बैठक में करीब 19 मुख्यमंत्री और इतने ही उपमुख्यमंत्री मौजूद रहे. यह भी पढ़ें : Sikkim State Lottery Result Today 6 PM: आज कौन जीता ₹1 करोड़? सिक्किम Dear Vixen Sunday वीकली लॉटरी का रिजल्ट जारी, यहां देखें पूरी विनर लिस्ट
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने जातिगत गणना पर प्रस्ताव पेश किया. बैठक के दौरान मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ और सुशासन के मुद्दों पर भी चर्चा की गई. इस सम्मेलन में विचार-विमर्श का एक महत्वपूर्ण हिस्सा विभिन्न राज्यों की राजग सरकारों द्वारा अपनाए गए सर्वोत्तम तरीकों पर केंद्रित था. कई मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों की प्रमुख योजनाओं पर प्रस्तुतियां दीं. बैठक में 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि भी दी गई.













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