द्वितीय विश्वयुद्ध में सैनिक रहे 99 वर्षीय ब्राजीलियाई ने कोविड-19 को दी मात

द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अफ्रीका में ब्राजीलियाई तोपखाना फौज में सेवा देने वाले सेकंड लेफ्टिनेंट एर्मांडो पिवेटा को बिगुल बजाते हुए और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच ब्रासीलिया में आर्म्ड फोर्सेज अस्पताल से बाहर लाया गया.

कोरोना वायरस (Photo Credits: Pixabay)

द्वितीय विश्वयुद्ध (World War II) के दौरान अफ्रीका (Africa) में ब्राजीलियाई तोपखाना फौज में सेवा देने वाले सेकंड लेफ्टिनेंट एर्मांडो पिवेटा को बिगुल बजाते हुए और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच ब्रासीलिया में आर्म्ड फोर्सेज अस्पताल से बाहर लाया गया. अस्पताल में आठ दिनों तक भर्ती रहने के बाद सेना की हरे रंग की टोपी पहने हुए जब वह बाहर निकले तो उन्होंने हवा में हाथ उठाकर अभिवादन किया.

सेना ने एक बयान में कहा, "वह एक और युद्ध जीत गए, इस बार कोरोना वायरस के खिलाफ. उन्हें अस्पताल से उस दिन छुट्टी दी गई जब ब्राजील द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान इटली में मोंटीज की लड़ाई के अपने सफल अभियान की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है."

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लातिन अमेरिका में कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित देश ब्राजील है जहां अभी तक इस संक्रामक रोग से 1,532 लोग जान गंवा चुके हैं.

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