70 Lakh Mobile Numbers Suspended: फाइनेंशियल फ्रॉड में शामिल 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड, सरकार का बड़ा एक्शन
वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने डिजिटल धोखाधड़ी पर रोक लगाने के मकसद से साइबर अपराध या वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल अबतक 70 लाख मोबाइल नंबर निलंबित कर दिए हैं.
नई दिल्ली: वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने डिजिटल धोखाधड़ी पर रोक लगाने के मकसद से साइबर अपराध या वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल अबतक 70 लाख मोबाइल नंबर निलंबित कर दिए हैं. वित्तीय साइबर सुरक्षा और बढ़ते डिजिटल भुगतान धोखाधड़ी से संबंधित मुद्दों पर एक बैठक के बाद जोशी ने कहा कि बैंकों को इस संबंध में व्यवस्था और प्रक्रियाओं को मजबूत करने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि ऐसी और बैठकें होंगी. अगली बैठक जनवरी में होगी.
बैठक के दौरान यह कहा गया कि डिजिटल इंटेलिजेंस मंचों के माध्यम से दर्ज साइबर अपराध/वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल 70 लाख मोबाइल कनेक्शन अब तक काट दिए गए हैं. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि धोखाधड़ी के लगभग 900 करोड़ रुपये बचाए गए हैं, जिससे 3.5 लाख पीड़ितों को लाभ हुआ है.
उन्होंने हाल ही में रिपोर्ट की गई आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) धोखाधड़ी के संबंध में कहा कि राज्यों को इस मुद्दे पर गौर करने और डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. उन्होंने यह भी कहा कि बैठक में व्यापारियों के केवाईसी मानकीकरण के संबंध में भी चर्चा हुई.
वित्तीय सेवा सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय कैसे सुनिश्चित किया जाए. जोशी ने कहा कि भोले-भाले ग्राहकों को ठगे जाने से बचाने के लिए समाज में साइबर धोखाधड़ी के बारे में जागरूकता पैदा करने की जरूरत है.
बैठक के दौरान, गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आईसी4) ने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) में रिपोर्ट किए गए डिजिटल भुगतान धोखाधड़ी के नवीनतम आंकड़ों, इन वित्तीय धोखाधड़ी के विभिन्न स्रोतों, धोखेबाजों के तौर-तरीकों, वित्तीय साइबर अपराधों का मुकाबला करने के लिए आने वाली चुनौतियों पर एक प्रस्तुति दी.
इसके अलावा, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के प्रतिनिधियों ने एसबीआई द्वारा कार्यान्वित प्रोएक्टिव रिस्क मॉनिटरिंग (पीआरएम) रणनीति पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी. इसके अलावा, पेटीएम और रेजरपे प्रतिनिधियों ने भी इस दिशा में उठाये गये कदमों को साझा किया.
बैठक में आर्थिक मामलों के विभाग, राजस्व विभाग, दूरसंचार विभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई), भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.
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