मानसून की बारिश और नदियों में बढ़ते पानी के कारण पश्चिमी सुमात्रा प्रांत के नौ जिले और शहर जलमग्न हो गए हैं। शुक्रवार की देर रात हुए भूस्खलन से नदी के किनारे टूट गए जिससे नदी का पानी पेसिसिर सेलाटन जिले के पहाड़ी गांवों में भर गया।
इंडोनेशिया की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी ने कहा कि बिजली कटौती, क्षतिग्रस्त पुलों और मलबे से अवरुद्ध सड़कों के कारण आपदा प्रभावित लोगों को मदद करने में परेशानियों का सामना करना पड़ा।
एजेंसी के प्रवक्ता अब्दुल मुहारी ने बताया कि आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित पेसिसिर सेलाटन और उसके पड़ोसी पदांग परियामन जिले के गांवों से बचावकर्मियों ने और शव बरामद किए हैं, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है।
उन्होंने कहा कि भूस्खलन से कम से कम 14 घर जमींदोज हो गए और कम से कम दो ग्रामीण घायल हो गए हैं। वहीं, बचावकर्मी 11 लोगों की तलाश कर रहे हैं जो अब भी लापता हैं।
मुहारी ने कहा कि पश्चिम सुमात्रा प्रांत में मानसून की बारिश से 37,000 से अधिक घर और इमारतें जलमग्न हो गई हैं। अचानक आई बाढ़ में कम से कम तीन घर बह गए और 666 अन्य घर भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
एजेंसी ने कहा कि अचानक आई बाढ़ से 26 पुल, 45 मस्जिद और 25 स्कूल क्षतिग्रस्त हो गए हैं जबकि 13 सड़कें नष्ट हो गई हैं। इसके अलावा दो सिंचाई प्रणाली इकाइयां भी प्रभावित हुई हैं, जिसके परिणामस्वरूप 113 हेक्टेयर (279 एकड़) क्षेत्र में फैले चावल के खेत और 300 वर्ग मीटर (3,220 वर्ग फीट) बागान भी जलमग्न हो गए हैं।
एपी
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