नयी दिल्ली, 24 नवंबर उत्तर पूर्वी दिल्ली में 2020 में हुई सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े एक मामले में एक स्थानीय अदालत ने बृहस्पतिवार को एक आरोपी को दंगे और आगजनी के आरोपों से बरी कर दिया।
अदालत नूर मोहम्मद के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही थी, जिस पर 24 फरवरी, 2020 को खजूरी खास इलाके में एक दुकान में आग लगाने वाली दंगाई भीड़ का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस मामले में आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोप संदेह से परे साबित नहीं हुए हैं। इसलिए, आरोपी नूर मोहम्मद को इस मामले में उसके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से बरी किया जाता है।’’
गवाहों के बयानों को ध्यान में रखते हुए, अदालत ने कहा कि यह स्थापित हो गया है कि एक गैरकानूनी भीड़ ने शिकायतकर्ता की दुकान में आग लगाने के लिए विस्फोटक या ज्वलनशील पदार्थों का इस्तेमाल किया।
अदालत ने कहा, ‘‘लेकिन शिकायतकर्ता अभियोजन पक्ष के दावे से मुकर गया और गवाही दी कि वह आरोपी को उस भीड़ के हिस्से के रूप में नहीं पहचान पा रहा है, जिसने उसकी दुकान में आग लगा दी थी।’’
आरोपी की पहचान करने वाला एक अन्य गवाह कांस्टेबल रोहताश था।
अदालत ने कहा कि कांस्टेबल के बयान में विसंगतियां थीं, इस प्रकार उसकी पहचान ‘‘संदिग्ध’’ थी और ‘‘भरोसा करने की दृष्टि से सुरक्षित नहीं’’ थी।
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