उप्र में कोरोना संक्रमण के 116 नए मामले, चार और लोगों की मौत

स्वास्थ्य विभाग द्वारा देर शाम जारी बुलेटिन के मुताबिक बुधवार को मुरादाबाद में दो और गौतम बुद्ध नगर तथा संत कबीर नगर में कोविड-19 संक्रमित एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। इस तरह प्रदेश में अब तक कोविड-19 संक्रमित 86 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें सबसे ज्यादा 24 आगरा के थे।

जमात

लखनऊ, 13 मई उत्तर प्रदेश में बुधवार को कोविड-19 संक्रमित चार और लोगों की मौत के साथ राज्य में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 86 हो गई है। प्रदेश में आज कोरोना संक्रमण के 116 नए मामले सामने आए।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा देर शाम जारी बुलेटिन के मुताबिक बुधवार को मुरादाबाद में दो और गौतम बुद्ध नगर तथा संत कबीर नगर में कोविड-19 संक्रमित एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। इस तरह प्रदेश में अब तक कोविड-19 संक्रमित 86 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें सबसे ज्यादा 24 आगरा के थे।

प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के 116 नए मामले सामने आए हैं। इनमें लखनऊ और गौतम बुद्ध नगर में सबसे ज्यादा 15-15 प्रकरण सामने आए हैं। राज्य में अब तक 1,965 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं। इस प्रकार प्रदेश में अब कोविड-19 के 1,707 सक्रिय मामले हैं।

इसके पूर्व, प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से कहा कि कल प्रदेश में 5,405 नमूनों की जांच की गयी । कुल 268 पूल लगाये गये और इनमें 1,340 नमूनों की जांच हुई जिनमें से 22 के परिणाम पॉजिटिव निकले ।

उन्होंने बताया कि सर्विलांस का कार्य लगातार चल रहा है और टीमें घर-घर जाकर जो भी हॉटस्पाट, निषिद्ध या दूसरे क्षेत्र हैं, सर्वेक्षण कर रही हैं । इस दौरान 71, 916 टीमों द्वारा दो करोड़ 96 लाख 90 हजार 794 लोगों का सर्वेक्षण किया गया।

प्रमुख सचिव ने बताया कि उसके बाद लक्षणों के आधार पर उसकी रिपोर्टिंग की गयी, जिस पर या तो सैम्पलिंग करायी गयी या फिर उनको पॉजिटिव पाये जाने पर चिकित्सालयों में भर्ती कराया गया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में बहुत बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक निरंतर आ रहे हैं । प्रदेश में जो प्रवासी कामगार लौटकर आ रहे हैं, उनके लिए बहुत कड़ा प्रोटोकाल बनाया गया है । जिनमें लक्षण नहीं पाये जाते, उनकी थर्मल स्क्रीनिंग के बाद 21 दिन के पृथक-वास पर घर भेजा जा रहा है ।

प्रसाद ने बताया कि जिनमें लक्षण पाये जा रहे हैं, उनकी जांच करायी जाती है । संक्रमित निकलने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है और अगर जांच नेगेटिव आयी तो उन्हें सात दिन रोककर फिर से परीक्षण कराकर 14 दिन के पृथक-वास पर घर भेजने की व्यवस्था है ।

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