अमेरिका ने चीन को भारत समेत इन देशों के लिए बताया बड़ा खतरा
सेक्रेटरी ऑफ स्टेट पोम्पिओ ने बताया “मैंने इस महीने यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों के साथ बात की थी, तब मुझे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर बहुत अधिक प्रतिक्रिया मिली है और चीनी आर्मी की उत्तेजक सैन्य कार्रवाइयों के बारे में कई तथ्य पता चले.
वाशिंगटन: भारत से तनाव के बीच ‘विस्तारवादी’ चीन (China) को लेकर गुरुवार को अमेरिका ने बड़ी बात कही है. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ (Mike Pompeo) ने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से भारत, वियतनाम (Vietnam), इंडोनेशिया (Indonesia), मलेशिया (Malaysia), दक्षिण चीन सागर (South China Sea) को खतरा है. अमेरिकी संसाधनों को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का मुकाबला करने के लिए उचित रूप से तैनात किया जाएगा.
सेक्रेटरी ऑफ स्टेट पोम्पिओ ने बताया “मैंने इस महीने यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों के साथ बात की थी, तब मुझे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर बहुत अधिक प्रतिक्रिया मिली है और चीनी आर्मी की उत्तेजक सैन्य कार्रवाइयों के बारे में कई तथ्य पता चले. इस दौरान पीएलए की दक्षिण चीन सागर में निरंतर आक्रामकता, भारत के साथ घातक सीमा टकराव और शांतिपूर्ण पड़ोसियों के खिलाफ खतरों सहित कई दांव पता चले.” खुफिया जानकारियों के आधार पर चीन से आने वाले सामानों की हो रही जांच
इससे पहले पोम्पिओ ने चीन को खतरा बताते हुए कहा कि जर्मनी से अमेरिकी सेना को हटाकर दूसरी जगह तैनात किया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि चीन का सामना केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया कर रही है. हाल ही में चीन की धमकियों को दरकिनार करते हुए अमेरिका ने ताइवान की खाड़ी और साउथ चाइना सी में अपने दो एयरक्राफ्ट कैरियर को तैनात किए.
उल्लेखनीय है कि पिछले छह हफ्ते से पैंगोंग सो, गलवान घाटी, गोगरा हॉट स्प्रिंग और कई अन्य स्थानों पर चीन और भारत की सेनाओं के बीच गतिरोध बना हुआ है. लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पहली वार्ता छह जून को हुई थी जिसमें दोनों पक्ष गलवान घाटी में टकराव वाले सभी स्थानों से धीरे-धीरे पीछे हटने पर सहमत हुए थे. लेकिन 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के हमले के बाद हुए झड़प से स्थिति बिगड़ गई. दोनों पक्ष 3,500 किलोमीटर की सीमा के अधिकतर क्षेत्रों में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाने लगे.