एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 48.6 करोड़ बच्चे हैं कुपोषण के शिकार, संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट में हुआ खुलासा

संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एंव कृषि संगठन (एफएओ) की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में कुपोषण से पीड़ित बच्चों की स्थिति काफी भयावह है. संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट से पता चला है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 48.6 करोड़ लोग कुपोषण से जूझ रहे हैं

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo credits: Facebook)

बैंकॉक: संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एंव कृषि संगठन (एफएओ) की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में कुपोषण से पीड़ित बच्चों की स्थिति काफी भयावह है. संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट से पता चला है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 48.6 करोड़ लोग कुपोषण से जूझ रहे हैं और बीते दो वर्षो में स्थिति थोड़ी बदली है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, शुक्रवार को जारी हुई संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया कि दुनिया में बच्चों की कुल आबादी में आधे से अधिक कुपोषित बच्चे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में हैं.

इस क्षेत्र के बच्चे तेजी से मोटापे का भी शिकार हो रहे हैं. यह स्थिति इस क्षेत्र के बच्चों में नमक, शक्कर और वसायुक्त अस्वस्थ खाद्य पदार्थो की आसान उपलब्धता और जरूरी पोषक तत्वों की कमी के कारण है.

कुपोषण का यह दोहरा बोझ एक ही समुदायों और परिवारों में रहने वाले कमजोर और अधिक वजनी बच्चों में देखने को मिलता है और कभी-कभी यह दोनों ही परेशानियां एक ही बच्चे में देखने को मिलती है. यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में हर दिन होती है 61 बच्चों की मौत

बात करें भारत की तो संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि भारत में हर साल कुपोषण से मरने वाले पांच साल से कम उम्र वाले बच्चों की संख्या दस लाख से भी ज्यादा है और दक्षिण एशिया में कुपोषण के मामले में सबसे बुरी हालत भारत की है.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अगर इस ओर ध्यान दिया जाए तो कुपोषण से होने वाली मौतों को रोका जा सकता है. इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि भारत में जो आंकड़े पाए गए हैं वे अंतर्राष्ट्रीय स्तर से कई गुना ज्यादा हैं. यह भी पढ़ें: वर्ल्ड चाइल्डहुड इंडेक्स में भारत की रैंकिंग में आया सुधार, पहुंचा 113वें स्थान पर

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