जर्मनी में बढ़ी बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था में सुस्ती बरकरार
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

जर्मनी की संघीय रोजगार एजेंसी ने बताया कि देश में बेरोजगारों की संख्या 28 लाख से ज्यादा हो गई है. जर्मन अर्थव्यवस्था में विकास की दर धीमी है और मंदी की आशंका बनी हुई है. इससे उबरने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है.धीमी आर्थिक विकास दर से जूझ रहे जर्मनी में बेरोजगारी बढ़ी है. जुलाई महीने में, देश में बेरोजगारों की संख्या 28 लाख का आंकड़ा पार कर गई. इस रफ्तार से बढ़ती बेरोजगारी, जर्मनी में रह रहे लोगों को मिलने वाले सामाजिक सुरक्षा लाभों पर बुरा प्रभाव डाल सकती है.

संघीय रोजगार एजेंसी (बीए) के मुताबिक, जुलाई महीने में बेरोजगारों की संख्या 82 हजार और बढ़ गई. एजेंसी ने बताया है कि इस वक्त देश में बेरोजगारों की संख्या 28 लाख से ज्यादा हो गई है. गर्मी की छुट्टियां और कमजोर अर्थिक वृद्धि इसके बड़े कारण हैं. संघीय रोजगार एजेंसी के वरिष्ठ निदेशक डानिएल टारसेनबाख ने कहा कि "कमजोर अर्थव्यवस्था का असर लेबर मार्केट पर दिख रहा है."

नए आवेदकों में भी आई कमी

एजेंसी के मुताबिक, नौकरी के लिए करीब 7 लाख 3 हजार लोगों ने आवेदन किया है, जो बीते साल के इसी महीने से 69 हजार कम है.

हालांकि, मई महीने में ऐसी 5 हजार नौकरियां बढ़ी हैं जिनसे सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था के लिए योगदान जाता है. रोजगार एजेंसी के मुताबिक, पिछले साल के मुकाबले ऐसी 1 लाख 79 हजार नौकरियां बढ़ी हैं. इनमें बड़ी संख्या विदेशी कामगारों की है. जर्मनी में ऐसी नौकरियों की संख्या अब करीब साढ़े तीन करोड़ हो गई है.

बेरोजगारी भत्ता देने में खर्च बढ़ा

बेरोजगारी और कम अवधि की नौकरियों के लिए सरकार से मिलने वाले भत्ते पर खर्च बढ़ा है. जुलाई महीने में 9 लाख से ज्यादा लोगों को बेरोजगारी भत्ता मिला है. रोजगार एजेंसी ने पहले साल के आखिर तक 2.1 अरब यूरो रिजर्व में बचाने का लक्ष्य रखा था. लेकिन अप्रैल में यह अनुमान घटाकर 60 करोड़ यूरो कर दिया गया.

हालांकि एजेंसी के पास पिछले साल के 1.6 अरब यूरो पहले से हैं. जर्मनी में बेरोजगारी बीमा के लिए नियोक्ता और कर्मचारी, दोनों योगदान देते हैं. वहीं सरकार संघीय रोजगार एजेंसी और रोजगार केंद्रों के जरिए जो नागरिक भत्ता देती है, उसके लिए संघीय टैक्स से प्रावधान किया जाता है.

डानिएल टेरसेनबाख के मुताबिक, "हम खुद को उस स्थिति के लिए तैयार कर रहे हैं जिसमें रिजर्व में पैसा नहीं बचेगा, बल्कि लगभग शून्य हो जाएगा."

जर्मन अर्थव्यवस्था की मुश्किलें

2023 में बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में जर्मनी का प्रदर्शन सबसे खराब रहा. 2024 में भी जर्मन अर्थव्यवस्था की हालत अच्छी नहीं है और मंदी की आशंका लगातार बनी हुई है. यूक्रेन युद्ध के बाद महंगी हुईं ऊर्जा कीमतें, कमजोर मांग और रिकॉर्डतोड़ ब्याज दर लगातार अर्थव्यवस्था को चोट पहुंच रही है.

सांख्यिकी विभाग ने बताया है कि जर्मन अर्थव्यवस्था में 2024 की पहली तिमाही में 0.2 फीसदी का विकास हासिल करने के बाद विकास दर उम्मीद से 0.1 फीसदी कम रही.

आरएस/एनआर(रॉयटर्स, डीपीए, एपी)