ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने COVID-19 के लिए त्वरित प्रतिरक्षा एंटीबॉडी दवा उपचार विधि का टेस्ट किया
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ब्रिटेन में वैज्ञानिकों ने नवोन्मेषी एंटीबॉडी दवा उपचार का परीक्षण शुरू कर दिया है. उन्हें उम्मीद है कि यह कोविड-19 के खिलाफ तुरंत सुरक्षा मुहैया कर सकता है. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन हॉस्पिटल्स एनएचएस ट्रस्ट (यूसीएलएच) ने कहा कि ‘स्टोर्म चेज’ अध्ययन में शामिल अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि लंबे समय तक प्रभावी रहने वाली एक एंटीबॉडी(एलएएबी) को एस्ट्राजेनेका ने विकसित किया है. इस एंटीबॉडी को एजेडडी7442 के नाम से जाना जाता है.  यह उन लोगों को तुरंत और दीर्घकालीन सुरक्षा प्रदान कर सकता है, जो हाल की में सार्स-कोवी-2 कोरोना वायरस के संपर्क में आए हैं और उनमें संक्रमण विकसित होने से रोकने में मदद मिलेगी.

एंटीबॉडी, ऐसे प्रोटीन अणु हैं जिन्हें शरीर संक्रमण से लड़ने के लिए उत्पन्न करता है. अध्ययन दल का नेतृत्व विषाणु विज्ञानी डॉ कैथरीन होलीहान ने किया. उन्होंने इस महीने की शुरूआत से 10 प्रतिभागियों को अनुसंधान कार्य में शामिल किया है. कैथरीन ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि एंटीबॉडी का यह संयोजन वायरस को काबू में कर सकता है, इसलिए हमें यह उपचार इंजेक्शन के माध्यम से मुहैया करने की उम्मीद है. यह उन लोगों में कोविड-19 का विकास होने के खिलाफ फौरी सुरक्षा प्रदान करेगा, जिन्हें टीका लगाए जाने में देर हो रही होगी. यह भी पढ़े: Coronavirus Vaccine Update: चीन प्रमुख समूहों को कोरोना वैक्सीन देने की कर रही है तैयारी, क्लिनिकल परीक्षण की पांच वैक्सीन शामिल

यूसीएलएच ने कहा कि इसका नया टीका अनुसंधान केंद्र कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षा के लिए दो क्लीनिकल परीक्षण कर रहा है. दूसरा अध्ययन एजेडडी74442 के ऐसे लोगों में उपयोग को लेकर किया जा रहा है, जिनके उम्र आदि कारणों से संक्रमित होने का अत्यधिक खतरा है. नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) इंग्लैंड के मेडिकल निदेशक प्रो. स्टीफन पोविस ने कहा, ‘‘ये दो क्लीनिकल परीक्षण नये उपचार के प्रयोग में महत्वपूर्ण कड़ी हैं. दरअसल, एंटीबॉडी उपचार मरीजों के ऐसे समूह के लिए एक विकल्प हो सकता है, जिन्हें टीका लगाने से भी कोई फायदा नहीं हो रहा.’’

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