दो बार तख्ता पलटने वाले सित्वेनी राबुका को चुना गया फिजी का नया प्रधानमंत्री वोरके बैनिमारामा

वर्ष 1987 में दो बार तख्तापलट करने वाली पूर्व सेना प्रमुख सित्विनी राबुका को शनिवार को फिजी की नई गठबंधन सरकार का प्रधानमंत्री चुना गया. फिजी ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन के अनुसार पीपुल्स अलायंस (पीए) पार्टी के नेता, 74 वर्षीय राबुका को संसद की पहली बैठक के दौरान 28 वोट मिले, जबकि फिजीफस्र्ट पार्टी (एफएफपी) के नेता और मौजूदा प्रधानमंत्री वोरके बैनिमारामा को 27 वोट मिले.

Prime Minister Vorke Bainimarama (Photo Credits: Wikimedia commons)

सुवा, 24 दिसम्बर : वर्ष 1987 में दो बार तख्तापलट करने वाली पूर्व सेना प्रमुख सित्विनी राबुका को शनिवार को फिजी की नई गठबंधन सरकार का प्रधानमंत्री चुना गया. फिजी ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन के अनुसार पीपुल्स अलायंस (पीए) पार्टी के नेता, 74 वर्षीय राबुका को संसद की पहली बैठक के दौरान 28 वोट मिले, जबकि फिजीफस्र्ट पार्टी (एफएफपी) के नेता और मौजूदा प्रधानमंत्री वोरके बैनिमारामा (Vorke Bainimarama) को 27 वोट मिले. इस बीच तुई काकाउ रातु नाइकामा लालबालावु नए संसद अध्यक्ष चुने गए हैं. 14 दिसंबर को हुए आम चुनाव में एफएफपी ने 26 सीटों की बढ़त हासिल की. पीए ने 21 सीटों पर जीत हासिल की. इसके सहयोगी नेशनल फेडरेशन पार्टी ने पांच सीटें हासिल कीं और सोशल डेमोक्रेटिक लिबरल पार्टी ने तीन सीटों पर कब्जा किया.

फिजी की चुनावी प्रणाली के तहत कोई पार्टी 55 सदस्यीय संसद में 28 या अधिक सीटें जीतने पर सरकार बना सकती है. एफएफपी 2014 से सत्ता में थी, लेकिन इस बार पार्टी बहुमत हासिल करने में विफल रही. पीए और एनएफपी ने पहले ही चुनाव पूर्व गठबंधन बना लिया है. सोशल डेमोक्रेटिक लिबरल पार्टी ने गठबंधन सरकार बनाने के लिए पीए और एनएफपी के साथ साझेदारी करने का शुक्रवार को फैसला किया, जिसके पास अब संसद में 29 सीटें हैं. यह भी पढ़ें :Shooting in France: फ्रांस में हुई गोलीबारी, पेरिस में तीन लोगों की मौत, संदिग्ध गिरफ्तार

राबुका ने 1987 में सेना के प्रमुख के रूप में दो तख्तापलट का नेतृत्व किया था और 1999 में चुनावों में हटाए जाने से पहले 1992 में प्रधान मंत्री बने थे. 16 वर्षों में यह पहली बार है कि गठबंधन सरकार बनाने के लिए तीन दल शामिल हुए हैं. 9 लाख की आबादी वाले इस प्रशांत द्वीपीय देश में 2013 में संवैधानिक सुधार से पहले सैन्य तख्तापलट का इतिहास रहा है.

Share Now

\