पाकिस्तान के बाद चीन की भी हालत खराब, मंदी के चलते जीडीपी वृद्धि लक्ष्य को घटाया
एनपीसी के प्रवक्ता झांग येसुई ने सोमवार को बताया कि मसौदा विदेशी निवेश कानून को आठ मार्च को समीक्षा के लिए एनपीसी के समक्ष रखा जाएगा और इस पर 15 मार्च को मतदान होगा
बीजिंग: चीन ने इस वर्ष के लिए अपने जीडीपी वृद्धि के लक्ष्य को आधिकारिक तौर पर घटाकर 6-6.5 प्रतिशत कर दिया है. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ने आर्थिक मंदी के संकेतों और अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध के चलते लक्ष्य में कमी का यह फैसला किया है. चीन की संसद 'नेशनल पीपुल्स कांग्रेस' (एनपीसी) के वार्षिक सत्र की शुरुआत में अपने कामकाज का लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हुए चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने वृद्धि दर के लक्ष्य को कम करने का प्रस्ताव रखा. व्यापार युद्ध के अलावा अर्थव्यवस्था में लगातार मंदी के कारण भी चीन की वृद्धि दर प्रभावित हुई है. मुख्य रूप से निर्यात पर निर्भर चीन की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर पिछले साल 6.6 प्रतिशत पर रही, जो पिछले तीन दशक का न्यूनतम आंकड़ा था.
अपनी अर्थव्यवस्था में नयी जान फूंकने के लिए चीन आनन-फानन में एक नया निवेश कानून पारित करने वाला है. यह मसौदा कानून व्यापार युद्ध को खत्म करने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुख्य मांगों में से एक मांग के अनुरूप है.
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एनपीसी के प्रवक्ता झांग येसुई ने सोमवार को बताया कि मसौदा विदेशी निवेश कानून को आठ मार्च को समीक्षा के लिए एनपीसी के समक्ष रखा जाएगा और इस पर 15 मार्च को मतदान होगा. मंगलवार को शुरू हुए एनपीसी के उद्घाटन सत्र में क्विंग के संबोधन में दिये गए अहम आंकड़ों के मुताबिक चीन ने उपभोक्ता महंगाई दर को तीन प्रतिशत की दर पर सीमित रखने और शहरी इलाकों में 1.1 करोड़ नयी नौकरियों के सृजन का लक्ष्य रखा है.