बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों सुप्रीम कोर्ट को बनाया निशाना, मुख्य न्यायाधीशों के इस्तीफे की मांग को लेकर किया विरोध प्रदर्शन

बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा. जिसके बाद देश में हिंसा और अराजकता जारी है. इस बीच एक बड़ी खबर समाने निकल के आ रही है. दरअसल, छात्रों ने अब सुप्रीम कोर्ट को निशाना बनाया है और मुख्य न्यायाधीश सहित सभी न्यायाधीशों के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

Bangladesh Violence (Photo: NDTV)

बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा. जिसके बाद देश में हिंसा और अराजकता जारी है. इस बीच एक बड़ी खबर समाने निकल के आ रही है. दरअसल, छात्रों ने अब सुप्रीम कोर्ट को निशाना बनाया है और मुख्य न्यायाधीश सहित सभी न्यायाधीशों के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. यह भी पढ़ें: Bangladesh Violence: बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का विरोध, हिंदू महासभा ने सौंपा ज्ञापन

सैकड़ों प्रदर्शनकारियों में अधिकतर छात्र शामिल हैं. प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट को घेर लिया है और मुख्य न्यायाधीश के तत्काल इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि मुख्य न्यायाधीश शायद परिसर से भाग गए हैं. छात्र प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि न्यायालय के न्यायाधीश एक साजिश का हिस्सा हैं, जिससे आक्रोश फैल गया और जवाबदेही की मांग की गई.

खबर के अनुसार, फिलहाल तनाव बढ़ने के कारण, निर्धारित पूर्ण-न्यायालय बैठक अचानक रद्द कर दी गई. प्रदर्शनकारियों ने बिना रुके सर्वोच्च न्यायालय का घेराव जारी रखा है और मुख्य न्यायाधीश को पद छोड़ने के लिए एक घंटे का अल्टीमेटम दिया है.

बता दें की सरकारी भर्ती नियमों के खिलाफ छात्रों के नेतृत्व में विद्रोह के कुछ दिनों बाद ताजा विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके परिणामस्वरूप नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने कार्यवाहक सरकार का कार्यभार संभाला.

जानकारी के अनुसार, 76 वर्षीय प्रधानमंत्री शेख हसीना के शासन को समाप्त करने वाले एक महीने से अधिक समय के घातक विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 450 लोग अब तक मारे गए है.

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के एक वरिष्ठ सदस्य अमीर खोसरू महमूद चौधरी ने कहा कि हसीना पर हत्या, जबरन गायब होने, धन शोधन और भ्रष्टाचार के आरोप हैं और उन्हें कानून का सामना करना चाहिए.

 

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