
जर्मनी में पुलिस ने ऑनलाइन हेट स्पीच के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू किया है. इसका मकसद उन लोगों पर कार्रवाई करना है जो इंटरनेट पर नफरत फैलाते हैं और राजनेताओं का अपमान करते हैं.जर्मनी की पुलिस ने ऑनलाइन नफरत फैलाने वालों के खिलाफ देशभर में एक बड़ा अभियान चलाया है. इस कार्रवाई के केंद्र में वे लोग हैं जिन पर इंटरनेट पर किसी खास सामाजिक समूह के खिलाफ दुश्मनी भड़काने और राजनेताओं का अपमान करने का शक है. फेडरल क्रिमिनल पुलिस ऑफिस (बीकेए) के नेतृत्व में यह अभियान पिछले कई सालों से चलाया जा रहा है.
किन लोगों पर है पुलिस की नजर?
पुलिस की जांच मुख्य रूप से 'कट्टर दक्षिणपंथी' ऑनलाइन सामग्री पर केंद्रित है. इसके साथ ही, उन नेताओं के अपमानजनक बयानों पर भी कार्रवाई की जा रही है जो कानूनी तौर पर दंडनीय हैं. हालांकि, कुछ मामले चरमपंथी धार्मिक या वामपंथी पोस्टिंग से भी जुड़े हैं.
नॉर्थ राइन वेस्टफालिया राज्य के गृह मंत्री हर्बर्ट रॉयल ने समाचार एजेंसी डीपीए से कहा, "डिजिटल आग लगाने वाले अपने मोबाइल फोन या कंप्यूटर के पीछे छिप नहीं सकते." उन्होंने कहा कि बहुत से लोग नफरत और राय के बीच के अंतर को भूल गए हैं. रॉयल ने कहा, "यह बहुत सीधा है. जो आप असल दुनिया में नहीं करेंगे, वह ऑनलाइन भी नहीं होना चाहिए. अब समय आ गया है कि ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों जगह ज्यादा शालीनता हो."
बढ़ रहे हैं नफरत फैलाने के मामले
बुधवार सुबह सुबह शुरू हुई कार्रवाई के तहत, पूरे जर्मनी में 170 से ज्यादा पुलिस अभियान चलाए गए, जिनमें 65 जगहों पर तलाशी ली गई. नॉर्थ राइन-वेस्टफेलिया में ही 14 जांचें चल रही हैं और कोलोन व ड्यूसेलडोर्फ जैसे आठ शहरों में अधिकारियों ने एक साथ कार्रवाई की. इस दौरान दो तलाशी वारंट जारी किए गए और 14 संदिग्धों से पूछताछ की जानी है.
बीकेए ने मई में बताया था कि 2024 में नफरत फैलाने के 10,732 मामले दर्ज किए गए, जो 2023 के मुकाबले करीब 34 फीसदी ज्यादा हैं. 2021 की तुलना में तो यह संख्या चार गुना बढ़ गई है. बीकेए ने जनता से अपील की है कि वे ऑनलाइन नफरत फैलाने वाले किसी भी मामले की जानकारी अधिकारियों को दें. सेंट्रल रिपोर्टिंग ऑफिस फॉर क्रिमिनल कंटेंट ऑन द इंटरनेट (जेडएमआई) भी आपराधिक सामग्री को उजागर करने में अहम भूमिका निभा रहा है.