भारत की सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता से पाकिस्तान परेशान, चिंता व्यक्त कर कही ये बात

भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का अस्थायी सदस्य बनने जा रहा है और इस बात ने पाकिस्तान को चिंता में डाल दिया . पाकिस्तान ने इस पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए इसे 'आनन्द का नहीं, बल्कि चिंता का क्षण' कहा है

पाकिस्तान का झंडा (Photo Credits: File Image)

इस्लामाबाद: भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का अस्थायी सदस्य बनने जा रहा है और इस बात ने पाकिस्तान को चिंता में डाल दिया है.  पाकिस्तान ने इस पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए इसे 'आनन्द का नहीं, बल्कि चिंता का क्षण' कहा है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि भारत का यूएनएससी का अस्थायी सदस्य बनने का इरादा पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय है क्योंकि 'भारत इस प्रतिष्ठित फोरम के प्रस्तावों को खुलेआम खारिज कर चुका है, खासकर कश्मीर पर पारित प्रस्तावों को. उन्होंने कहा, "भारत लंबे समय से कश्मीर पर यूएनएससी के प्रस्तावों को नजरअंदाज कर रहा है, जिससे कश्मीरियों को आत्मनिर्णय के अधिकार से वंचित कर उनका लगातार दमन हो रहा है.

उन्होंने इसके साथ ही कहा, "भारत के यूएनएससी का सदस्य बनने से कोई आसमान नहीं फट पड़ेगा। पाकिस्तान भी सात बार ऐसे ही अस्थायी सदस्य रह चुका है. कश्मीर मुद्दे को उठाते हुए कुरैशी ने कहा, "पाकिस्तान कश्मीरियों की गंभीर स्थिति के बारे में यूएनएससी और इस्लामिक सहयोग संगठन (आईओसी) को सूचित करता रहा है, जो लॉकडाउन में राज्य प्रायोजित और भारतीय बलों के अत्याचार का सामना कर रहे हैं. यह भी पढ़े: अमेरिका ने पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में डाला, PAK बोला इसमें इंडिया का नाम क्यों नहीं ?

उन्होंने कहा, "कश्मीर ने भारत द्वारा बीती पांच अगस्त को अवैध रूप से खुद में विलय करने को स्वीकार नहीं किया और सरकार कोरोनोवायरस महामारी के दौरान भी अपने अवैध तलाशी अभियान को जारी रखे हुए है. उन्होंने कहा, "इसके अलावा, भारतीय संविधान के विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम ने अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों को निशाना बनाया है.

कुरैशी यह दावा करने से भी नहीं चूके कि भारत के ' विस्तारवादी एजेंडे' के कारण इसके (भारत के) पड़ोसी देश असुरक्षित हैं. कुरैशी ने भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की टिप्पणियों को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि 'यह गलत धारणा है कि कश्मीरी भारत के साथ हैं.

उन्होंने कहा, "अगर वह (राजनाथ सिंह) सोचते हैं कि कश्मीरी उनके साथ हैं, तो मैं उन्हें मुजफ्फराबाद (पीओके की राजधानी) आने के लिए आमंत्रित करता हूं, यहां आएं और देखें कि कितने कश्मीरी उनसे सहमत हैं. उन्होंने कहा, "इसी तरह भारतीय मंत्री को पाकिस्तानी अधिकारियों को श्रीनगर आने के लिए आमंत्रित करना चाहिए. कुरैशी ने कहा कि 'कश्मीरियों की राय ले लें, इससे कश्मीरियों को लेकर भारत की गलतफहमी दूर हो जाएगी।'

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