पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कैबिनेट में फेरबदल को लेकर फिर से कर रहे हैं विचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कैबिनेट में पहला फेरबदल करने के पांच महीने बाद फिर से इसमें फेरबदल करने पर विचार कर रहे हैं. यह जानकारी एक मीडिया की रिपोर्ट से मिली है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को खबर मिली है कि इस बार होने वाले बदलाव को पोर्टफोलियो के दोबारा वितरण तक सीमित नहीं रखा जाएगा.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Photo Credits: IANS)

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) कैबिनेट में पहला फेरबदल करने के पांच महीने बाद फिर से इसमें फेरबदल करने पर विचार कर रहे हैं. यह जानकारी एक मीडिया की रिपोर्ट से मिली है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को खबर मिली है कि इस बार होने वाले बदलाव को पोर्टफोलियो के दोबारा वितरण तक सीमित नहीं रखा जाएगा.

सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (Pakistan Tehreek-e-Insaf) पार्टी और उसके सहयोगियों के सूत्रों के अनुसार, खान पार्टी में कुछ नए चेहरों को भी शामिल कर सकते हैं. सूत्र ने बताया कि प्रधानमंत्री मंत्रालयों से संबंधित उन वादों को पूरा कर सकते हैं, जो उनकी पार्टी, पीटीआई ने संघीय सरकार में अपने सहयोगियों, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क्वैड (Pakistan Muslim League-Quad) और मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (Muttahida Qaumi Movement-Pakistan) जैसे पार्टियों से की थी.

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सूत्र ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि रक्षा, आंतरिक, शिक्षा, सूचना और रक्षा उत्पादन के पोर्टफोलियों में फेरबदल हो सकता है. इस दौरान रक्षा मंत्री परवेज खटक को आंतरिक मंत्रालय (इंटिरियर मिनस्ट्रिी) का भार सौंपे जाने की प्रबल संभावना है. ऐसा अनुमान इसलिए लगाया जा रहा है, क्योंकि पहली बार पीटीआई सरकार द्वारा कैबिनेट मंत्री गठित किए जाने के दौरान उन्होंने इस विभाग को अपने पास रखने की इच्छा जाहिर की थी.

सूत्र ने आगे बताया कि रक्षा उत्पादन (डिफेंस प्रोडक्शन) मंत्री जुबैदा जलाल को शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक प्रदर्शन और जनरल परवेज मुशर्रफ के शासन के दौरान मंत्रालय चलाने के उनके अनुभव को देखते हुए उन्हें यह मंत्रालय दिए जाने पर विचार किया जा रहा है. हालांकि दूसरे फेरबदल को लेकर अटकलें काफी दिनों से चल रही हैं. वहीं सरकार ने भी आधिकारिक तौर पर इसकी न तो पुष्टि ही की है और न ही खंडन ही किया है.

इस बारे में एक मंत्री ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि कैबिनेट में फेरबदल करने का विशेष अधिकार प्रधानमंत्री के पास है. हालांकि उन्होंने यह संकेत भी दिए कि यदि कोई फेरबदल होता भी है, या ऐसा कुछ तय किया जाता है तो वह अक्टूबर के शुरुआत में ही होगा.

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