Pakistan SC Verdict: इमरान खान को बड़ा झटका, नेशनल असेंबली फिर से बहाल, शनिवार को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग का आदेश

पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के निर्णय पर अपना फैसला सुना दिया है. पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने सुप्रीम कोर्ट में कहा की तुरंत आम चुनाव कराना संभव नहीं है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख और पाक पीएम इमरान खान ने पहले ही कहा कि उनकी पार्टी कोर्ट के फैसले को स्वीकार करेगी.

इमरान खान (File Photo)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के सर्वोच्च न्यायालय ने नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के निर्णय पर अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर के फैसले को 'असंवैधानिक' बताया है. इसके साथ ही कोर्ट ने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली को फिर से बहाल करते हुए शनिवार (9 अप्रैल) को सुबह 10 बजे इमरान खान (Imran Khan) सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि इमरान खान बहुमत साबित करने में विफल हुए तो विपक्ष नया नेता चुने.

पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने सुप्रीम कोर्ट में कहा की तुरंत आम चुनाव कराना संभव नहीं है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख और पाक पीएम इमरान खान ने पहले ही कहा कि उनकी पार्टी कोर्ट के फैसले को स्वीकार करेगी. नये मुख्यमंत्री के चुनाव से पहले पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की विधानसभा सील की गई

आज दोपहर पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश (सीजेपी) उमर अता बंदियाल ने गुरुवार को कहा कि यह स्पष्ट है कि नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी का तीन अप्रैल का फैसला, जिसने प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था, गलत था. बंदियाल ने कहा, "असली सवाल यह है कि आगे क्या होता है?" उन्होंने कहा कि अब पीएमएल-एन के वकील और पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल (एजीपी) खालिद जावेद खान अदालत का मार्गदर्शन करेंगे कि कैसे आगे बढ़ना है. उन्होंने कहा, "हमें राष्ट्रीय हित को देखना होगा."

मालूम हो कि सीजेपी उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय पीठ डिप्टी स्पीकर के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के फैसले की वैधता और पीएम इमरान खान की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा असेंबली को भंग करने से जुड़े स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई की. सीजेपी बंदियाल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ में न्यायमूर्ति इजाजुल अहसन, न्यायमूर्ति मजहर आलम मियांखेल, न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर और न्यायमूर्ति मंडोखेल भी शामिल हैं.

यह उल्लेख करना उचित है कि राष्ट्रपति ने 3 अप्रैल को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था, जिसके बाद डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था और देश को संवैधानिक रूप से संकट में डुबो दिया.

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