इस्लामाबाद: अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रिश्तो में आई खटास बढती चली जा रही है. ट्रंप प्रशासन द्वारा पाकिस्तानी राजनयिकों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने के बाद अब्बासी सरकार भी इसका कड़ा जवाब देने की फिराक में है. पाकिस्तानी मिडिया के मुताबिक ठीक उसी तर्ज पर पाकिस्तान भी अमेरिकी राजनयिकों पर लगाम लगाने पर विचार कर रहा है.
चीन से बढती नजदीकियों के कारण अमेरिका और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से कूटनीतिक विवाद चल रहा है. इसी कड़ी में अमेरिका ने पाकिस्तान के वाशिंगटन स्थित दूतावास और अन्य शहरों में वाणिज्य दूतावास के राजनयिको पर बिना अनुमति 40 किलोमीटर से ज्यादा दूरी की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है, जोकि शुक्रवार से प्रभावी हो रहे हैं.
डॉन न्यूज के मुताबिक, प्रशासन इस्लामाबाद में तैनात अमेरिकी राजनयिकों पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहा है. हालांकि, अमेरिकी राजनयिकों को पहले से ही संघीय प्रशासित जनजातीय क्षेत्रों जैसे अत्यधिक सुरक्षित स्थानों पर जाने की मनाही है.
Pakistan responded to US in kind...travel restrictions and all special facilities withdrawn from US diplomats in Pakistan.
We done Pak FO, Pak Army, ISI....this is the only language these Swines understand. pic.twitter.com/VJ7X3bG0vx
— Zaid Hamid (@ZaidZamanHamid) May 11, 2018
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इसे पास्परिकता का मामला बताया है क्योंकि सुरक्षा कारणों से अमेरिकी समेत अधिकांश विदेश राजनयिकों को यात्रा प्रतिबंध का सामना करना पड़ता है.
वहीं अब अमेरिकी सांसद डोनाल्ड नॉरक्रॉस ने कहा, "महत्वपूर्ण चीज संवाद है और हम इस तरह के प्रतिबंध लगाकर संवाद को समाप्त कर रहे हैं तो मेरे ख्याल से यह सही फैसला नहीं है."
अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत एजाज चौधरी ने गुरुवार को 'वॉयस ऑफ अमेरिका' को बताया, "मेरे विचार में यह सही फैसला नहीं है."
इससे पहले अमेरिका ने पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिकों और आतंकी गुटों के रिश्तों पर गहरी चिंता जाहिर की थी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सीआईएस निदेशक पद के लिए नामित जिना हास्पेल ने पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिकों के आतंकी गुटों से राजनीतिक रिश्तों पर चिंता जताई थी. उन्होंने अपनी यह चिंता सीनेट के समक्ष अपनी नियुक्ति की पुष्टि की सुनवाई के दौरान जताई. एक सीनेटर न के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सीआईए भी इस गठजोड़ को लेकर चिंतित है और आगे भी रहेगा.