FATF की ग्रे लिस्ट से चार साल बाद बाहर आया पाकिस्तान, जानें क्या है इसका मतलब

FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया है. पहले ही ऐसे कयास लग रहे थे कि पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर हो सकता है और अंत यह फैसला पाकिस्तान के हक में हुआ. भारत इस पर अपनी नाराजगी जता रहा है.

पीएम शहबाज शरीफ (Photo: Facebook)

नई दिल्ली: FATF ने पाकिस्तान (Pakistan) को ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया है. पहले ही ऐसे कयास लग रहे थे कि पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर हो सकता है और अंत यह फैसला पाकिस्तान के हक में हुआ. भारत इस पर अपनी नाराजगी जता रहा है. FATF (Financial Action Task Force) एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय संस्था है. यह अंतरराष्ट्रीय वित्तीय अपराध को रोकने की कोशिश करता है, जो कि आतंकवाद को बढ़ाने के लिए किए जाते हैं. PAK General Bajwa: पाकिस्तान के आर्मी चीफ बाजवा 5 हफ्ते बाद होंगे रिटायर, नहीं बढ़ेगा कार्यकाल.

FATF ने कहा, 'पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर निकाला गया है. पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट में 2018 से है. पाकिस्तान द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग पर एशिया पैसिफिक ग्रुप के साथ काम करने, एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद विरोधी वित्तपोषण प्रणाली को बेहतर बनाने के चलते यह फैसला लिया गाया है.

पाकिस्तान को बड़ी राहत 

गौरतलब है की एफएटीएफ द्वारा धन शोधन और आंतकवाद के वित्तपोषण पर रोक लगाने में विफल रहने के बाद पड़ोसी देश को जून 2018 में इस श्रेणी में शामिल किया गया था. ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के बाद अब पाकिस्तान अपनी संकटपूर्ण वित्तीय स्थिति से निपटने के लिए विदेशी धन प्राप्त करने का प्रयास कर सकता है.

ग्रे लिस्ट में होने के कारण पाकिस्तान के लिए आईएमएफ, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और यूरोपीय संघ से वित्तीय सहायता पाना कठिन हो गया था. ऐसे में नकदी की कमी से जूझ रहे इस देश में समस्याएं और बढ़ गईं थी.

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