इस्लामाबाद: राजनयिकों की संख्या कम करने के भारत के फैसले पर बौखलाया पाकिस्तान
भारत ने एक दिन पहले ही पाकिस्तान से कहा था कि वह दिल्ली में अपने हाई कमीशन से 50 प्रतिशत कर्मचारियों पर वापस बुला ले, क्योंकि वे जासूसी कर रहे हैं. इस पर अब पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने प्रतिक्रिया दी है. इसके विपरीत, यह सीमा पार हिंसा और आतंकवाद का समर्थन करने की एक बड़ी नीति का आंतरिक तत्व है.
इस्लामाबाद, 25 जून: भारत ने एक दिन पहले ही पाकिस्तान (Pakistan) से कहा था कि वह दिल्ली में अपने हाई कमीशन से 50 प्रतिशत कर्मचारियों पर वापस बुला ले, क्योंकि वे जासूसी कर रहे हैं. इस पर अब पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) ने प्रतिक्रिया दी है. कुरैशी ने कहा है कि राजनयिकों के लिए भारत का यह कदम वियना संधि का स्पष्ट उल्लंघन है. नई दिल्ली के फैसले से इस्लामाबाद के चार्ज डी'अफेयर को अवगत कराया गया, जिन्हें विदेश मंत्रालय में तलब किया गया था.
इसमें कहा गया है कि भारत (India) इस्लामाबाद में अपने राजनयिक मिशन के कर्मचारियों की संख्या को भी इतना ही कम करेगा. भारत के दावों को नकारते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारियों पर लगाए गए आरोप निराधार हैं.
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान को लश्कर और जैश पर नकेल नहीं कसने की मिली सजा, FATF ने ‘ग्रे लिस्ट’ में बरकरार रखा
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को भारत ने पाकिस्तान से कहा था कि वह नई दिल्ली में अपने दूतावास के कर्मचारियों की संख्या आधी कर दे और भारत भी इस्लामाबाद में ऐसा ही करेगा. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान और उसके अधिकारियों का व्यवहार वियना कन्वेंशन और राजनयिक व काउंसलर अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय समझौतों के अनुरूप नहीं है.
इसके विपरीत, यह सीमा पार हिंसा और आतंकवाद का समर्थन करने की एक बड़ी नीति का आंतरिक तत्व है. इसलिए, भारत सरकार ने नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या को 50 फीसदी तक कम करने का निर्णय लिया है.