Turkey-Syria Earthquake Update: तुर्की-सीरिया में आए भीषण भूकंप ने सबकुछ किया तहस-नहस, 4 हजार से अधिक लोगों की मौत

तुर्किये और पड़ोसी देश सीरिया में सोमवार को आए 7.8 की तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप में 4,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई जबकि हजारों की संख्या में लोग घायल हुए हैं.

तुर्की-सीरिया में भीषण भूकंप (Photo Credits Twitter)

अदन (तुर्किए), छह फरवरी (एपी): तुर्किये और पड़ोसी देश सीरिया में सोमवार को आए 7.8 की तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप में 4,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई जबकि हजारों की संख्या में लोग घायल हुए हैं. भूकंप से हजारों इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है. हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि बचावकर्मी अब भी प्रभावित इलाकों में मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं. Earthquake in Turkey: तुर्की में भूकंप के झटकों से नष्ट हुआ 2,200 पुराना ऐतिहासिक गाज़ियांटेप महल (Watch Video)

प्रभावित क्षेत्रों की तस्वीरें दिल दहला देने वाली थीं, जिनमें कुछ प्राचीन सांस्कृतिक स्थलों सहित सार्वजनिक और निजी संपत्ति का व्यापक विनाश दिखाया गया है. वे लोग भाग्यशाली थे, जो तुरंत खुले स्थान पर भाग गए, कुछ लोग अपने परिजन को खोने पर रोते हुए देखे गए, जो अभी भी ढह गई इमारतों के मलबे के नीचे फंसे हुए हैं. अन्य लोग उन्हें सांत्वना और आश्वासन देने की कोशिश कर रहे थे.

सीमा के दोनों ओर भूंकप का झटका सूर्योदय से पहले महसूस हुआ और लोगों को सर्दी तथा बारिश के बावजूद बाहर आना पड़ा. भूकंप से कई इमारतें ध्वस्त हो गई हैं और भूकंप उपरांत झटके अब भी महसूस किए जा रहे हैं.

विभिन्न शहरों में बचावकर्मी और निवासी ध्वस्त हुई इमारतों से जिंदा लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं. भूकंप में ध्वस्त हुए तुर्किये के एक अस्पताल और सीरिया के गिने-चुने अस्पतालों से नवजातों सहित मरीजों को सुरक्षित बाहर निकालना पड़ा.

चारों तरफ तबाही का मंजर 

तुर्किये के शहर अदाना के एक निवासी ने बताया कि उसके आसपास की तीन इमारतें ध्वस्त हो गई हैं. पत्रकारिता के छात्र मुहम्मद फतीह यवुज ने बताया कि मलबे में जिंदा फंसे एक व्यक्ति ने बचावकर्मियों द्वारा निकाले जाने की कोशिश के दौरान कहा, ‘‘अब मुझमें कोई ताकत नहीं बची है.’’

तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने कहा, ‘‘भूकंप वाले क्षेत्र में कई इमारतों का मलबा को हटाने का काम जारी है, हम नहीं जानते कि मृतकों और घायलों की संख्या कितनी बढ़ेगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि हम इस विपदा वाले दिन को हमारी एकता और देश के प्रति एकजुटता पीछे छोड़ देगी.’’

वहीं तुर्किए के उपराष्ट्रपति फौत ओकते ने कहा कि ऐसी आपदा ‘‘सौ साल में एक बार आती है.’’ भूकंप का केंद्र तुर्किये का दक्षिण पूर्वी प्रांत कहरमनमारस था और झटके दूर काहिरा तक महसूस किए गए. दमिश्क में भी लोगों को भूकंप की वजह से सड़कों पर आना पड़ा और बेरूत में जब झटके महसूस हुए, तब लोग सो रहे थे.

प्रभावित इलाके में गृह युद्ध जारी था 

भूकंप सीरिया के उस क्षेत्र में आया, जहां एक दशक से अधिक समय से गृह युद्ध जारी है और प्रभावित इलाका सरकार और विद्रोहियों में बंटा हुआ तथा उनके चारों ओर रूस समर्थित सरकारी सेनाएं तैनात हैं. वहीं, तुर्किये वाले इलाके में संघर्ष की वजह से लाखों शरणार्थी बसे हुए हैं.

विरोधियों के कब्जे वाले सीरियाई इलाके में लड़ाई की वजह से विस्थापित 40 लाख लोग रह रहे हैं. इनमें से कई उन इमारतों में रह रहे थे, जो पहले से ही बमबारी की वजह से क्षतिग्रस्त थे. व्हाइट हेलमेट नामक विपक्षी आपात संगठन ने एक बयान में कहा कि सैकड़ों परिवार मलबे में दबे हैं.

बचावकर्मियों ने बताया कि पहले ही संसाधनों की किल्लत से जूझ रहे चिकित्सा केंद्र और अस्पताल जल्द घायलों से भर गए. एसएमएस चिकित्सा संगठन के मुताबिक सैन्य अस्पताल सहित कई अस्पतालों को खाली कराया गया है. यह इलाका प्रमुख भूकंप संभावित क्षेत्र में पड़ता है और वर्ष 1999 में उत्तर पश्चिमी तुर्की में आए इसी तरह के शक्तिशाली भूकंप में करीब 18 हजार लोगों की मौत हुई थी.

बेहद तेज थे भूकंप के झटके 

अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप का केंद्र गजियांतेप से करीब 33 किलोमीटर दूर 18 किलोमीटर की गहराई पर था. प्रांतों में इसके झटके महसूस किए गए. सर्वेक्षण के मुताबिक, कुछ घंटे के बाद 7.5 तीव्रता का एक और भूकंप महसूस किया गया, जिसका केंद्र पूर्व के केंद्र से महज 100 किलोमीटर दूर था.

तुर्किये की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने बताया कि यह अलग भूकंप था और झटके के बाद दर्जनों और झटके आने की आशंका है. एजेंसी के ओरहान ततार ने संवाददाताओं को बताया कि दो झटकों के बाद सैकड़ों झटकों की आशंका है.

सीरिया के अलेप्पो और हामा शहर से लेकर तुर्किये के दियारबाकीर तक हजारों इमारतों के ध्वस्त होने की सूचना है. प्रशासन के अनुसार, अकेले तुर्किए में भूकंप से 3700 से ज्यादा इमारतें ध्वस्त हो गई हैं. उपराष्ट्रपति ने बताया कि भूमध्य सागरीय तटीय शहर इस्कानदेरोन में एक अस्पताल ध्वस्त हो गया, लेकिन हताहतों की संख्या की तत्काल जानकारी नहीं मिली है.

तुर्किये के टेलीविजन स्टेशन ने तस्वीरें प्रसारित की हैं, जिनमें उनके स्टूडियो में रखी टीवी की स्क्रीन चार या पांच टुकड़ों में बट गई. कहरमनमारस शहर में बचाव कर्मियों ने दो बच्चों को जिंदा मलबे से निकाला है और तस्वीरों में दिख रहा है कि बर्फ से ढके मैदान में उन्हें स्ट्रेचर पर लिटाया गया है.

अब तक तुर्किये की मदद के लिए दर्जनों देशों के अलावा यूरोपीय संघ और नाटो ने पेशकश की है और तलाशी व बचाव दल से लेकर चिकित्सा और धन भेज रहे हैं.

नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी में प्राकृतिक खतरे के विशेषज्ञ डॉ. स्टीवन गॉडबाई ने कहा कि प्रभावित इलाकों से जो तस्वीरें आ रही हैं, उससे प्रतीत होता है कि उल्लेखनीय जान की हानि हुई है, इलाके में सर्दी और गृह युद्ध ने बचाव कार्य में लगे कर्मियों की जटिलता बढ़ा दी है.

तुर्किये में लोग भूकंप प्रभावित इलाकों को छोड़कर बाहर जाना चाहते हैं जिसकी वजह से यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है और आपात टीम को घटनास्थलों पर पहुंचने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. अधिकारियों ने लोगों से सड़कों पर नहीं आने की अपील की है. इलाके की मस्जिदों को उन लोगों के लिए खोल दिया गया है जिनके घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, क्योंकि इलाके में तापमान शून्य के करीब है.

भूकंप की वजह से गैजियांतेप की पहाड़ी पर स्थित ऐतिहासिक कैसल को नुकसान पहुंचा है. किले की दीवार और निगरानी स्तंभों को भारी नुकसान पहुंचा है. वहीं, उत्तर-पश्चिमी सीरिया में कब्जे वाले इदलिब प्रांत में भूकंप ने एक नया संकट खड़ा कर दिया, जो पहले ही कई वर्षों से रूसी और सरकार के हवाई हमलों को झेल रहा है. यह क्षेत्र भोजन से लेकर चिकित्सकीय आपूर्ति तक हर चीज के लिए तुर्किये पर निर्भर है. सभी राहत सामग्री तुर्किये के रास्ते ही इदलिब पहुंचती है.

उत्तर पश्चिमी सीरिया में विपक्ष के ‘सीरियन सिविल डिफेंस’ ने विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्र में स्थिति को ‘‘विनाशकारी’’ बताते हुए कहा कि इमारतें ढहने से कई लोग मलबे में दब गए हैं. तुर्किये की सीमा के नजदीक सीरियाई विद्रोहियों के कब्जे वाले छोटे शहर अजमरिन में कई बच्चों के शव कंबल में लपेटकर अस्पताल लाए गए हैं.

सीरिया के पुरातत्व व संग्रहालय महानिदेशक ने बताया कि भूकंप की वजह से ईसाई धर्मयोद्धाओं द्वारा निर्मित मरकब या निगरानी दुर्ग की दीवारें, मीनार और कुछ अन्य दीवारें ध्वस्त हो गईं, जिनसे प्राचीन काल में भूमध्य सागर पर नजर रखी जाती थी.

(इनपुट भाषा)

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