काठमांडू, तीन मार्च नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने शुक्रवार को हिमालयी राष्ट्र में आयुर्वेद के अनुसंधान और अन्वेषण में भारत की मदद मांगी. प्रचंड ने यहां सातवीं अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद कांग्रेस का उद्घाटन करते हुए कहा कि उनकी सरकार आयुर्वेद को लोकप्रिय बनाकर स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा देगी और आवश्यक औषधीय जड़ी-बूटियों के आयात और निर्यात को व्यवस्थित करने के लिए निर्णय लेगी. यह भी पढ़ें: पाक को आने वाले दिनों में चीन के आईसीबीसी से 1.3 अरब डॉलर की वित्तीय मदद मिलने की उम्मीद
उन्होंने नेपाल की सबसे पुरानी आयुर्वेदिक दवा बनाने वाली कंपनी सिंहदरबार वैद्यखाना को जीवंत बनाने और इसे राष्ट्रीय गौरव परियोजना के रूप में उन्नत करने का वादा किया. ‘सिंहदरबार वैद्यखाना’ को वर्तमान में ‘सिंहदरबार वैद्यखाना विकास समिति’ के रूप में जाना जाता है.
उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय आयुर्वेद अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र को पूर्ण रूप से संचालित करने और देशी जड़ी-बूटियों पर शोध तेज करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए नीतिगत निर्णय लिए जाएंगे.
प्रधानमंत्री ने आयुर्वेद के अनुसंधान और अन्वेषण में नेपाल की मदद करने के लिए भारत के आयुष मंत्रालय से सहयोग मांगा.
शुक्रवार से शुरू हुए इस कार्यक्रम में नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव भी शामिल हुए.
प्रचंड ने कहा कि भारत सरकार ने आयुष मंत्रालय की स्थापना करके आयुर्वेद को प्राथमिकता दी है और इसे बढ़ावा दिया है.
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