नाटो को भरोसा है यूक्रेन अपनी जमीन वापस ले लेगा
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

नाटो को यकीन है कि जवाबी कार्रवाई में यूक्रेन रूस से अपनी खोई जमीन वापस ले लेगा. जर्मनी में अमेरिका, नाटो और सहयोगी देशों की बैठक हुई जिसमें यूक्रेन को मदद जारी रखने की वचनबद्धता दोहराई गई.जर्मनी के रामस्टाइन एयरबेस पर एक साल पहले भी बैठक हुई थी. 50 देशों के प्रतिनिधियों की शुक्रवार को बैठक में अमेरिका मेजबान की भूमिका में था और इसके लिए अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन यहां पहुंचे थे. इन देशों ने माना, "यूक्रेनियों को सभी तरह की अलग अलग क्षमताएं, सिस्टम और सप्लाई दी जाये ताकि वह अपनी ज्यादा जमीन वापस ले सके."

"अपनी जमीन वापस लेगा यूक्रेन"

नाटो के प्रमुख येंस स्टोल्टेनबर्ग ने पत्रकारों से कहा, "मुझे पूरा यकीन है कि वे और ज्यादा जमीन छुड़ाने की स्थिति में होंगे." स्टोल्टेनबर्ग से पूछा गया था कि यूक्रेन को अपने अभियान में सफल होने के लिए किस चीज की जरूरत होगी. स्टोल्टेनबर्ग ने रामस्टाइन की बैठक में शामिल होने से ठीक पहले यूक्रेन का दौरा भी किया है. वहां उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की. जेलेंस्की ने पश्चिमी देशों से और ज्यादा सहयोग की मांग रखी थी. उन्होंने रूसी सैनिकों को खदेड़ने के लिए ज्यादा लड़ाकू विमान और लंबी दूरी की मिसाइलें मांगी हैं.

स्टोल्टेनबर्ग ने माना कि युद्ध अब दूसरे साल में पहुंच गया है और ऐसे में सहयोग के नये प्लेटफॉर्म के बारे में चर्चा करनी होगी. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि पहले जिन हथियारों की आपूर्ति की गई है वो काम करते रहें यह भी सुनिश्चित करना होगा.

स्टोल्टेनबर्ग की यूक्रेन यात्रा के दौरान नाटो के प्रमुख पर यूक्रेन को गठबंधन में शामिल कराने के लिए भी दबाव बना लेकिन उन्होंने कहा कि तत्काल यह प्राथमिकता में नहीं है. शुक्रवार को उन्होंने रामस्टाइन में कहा, "नाटो के सहयोगी इस बात पर सहमत हैं कि यूक्रेन नाटो का सदस्य बनेगा लेकिन फिलहाल हमारा ध्यान यह तय करने पर है कि यूक्रेन सलामत रहे. संप्रभु और आजाद यूक्रेन के बगैर इसकी सदस्यता की चर्चा बेमानी है."

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हमले से ज्यादा जरूरी सुरक्षा

बैठक के मेजबान लॉयड ऑस्टिन ने भी कहा कि बातचीत की मेज पर तीन मुद्दे हैं, "एयर डिफेंस, गोल बारूद और सक्षम बनाना" आखिरी बिंदु से लॉयड का मतलब लॉजिस्टिक और दूसरे सहयोग से था. लॉयड का कहना है, "यूक्रेन में आजादी की ताकतों के लिए हमारा सहयोग मजबूत और सच्चा है." इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा, "हम जहां तक संभव है यूक्रेन को सहयोग देना जारी रखेंगे."

उधर रूस ने रामस्टाइन में हो रही इस बैठक पर नाराजगी जताई है. रूसी विदेश मंत्री ने कहा है कि यूक्रेन के लिए सहयोगियों की गतिविधी ने, "संघर्ष में उनकी सीधी भागीदारी और सैन्य अभियानों के योजना की पुष्टि कर दी है."

रूसी राष्ट्रपति के दफ्तर क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमीत्री पेस्कोव ने भी आरोप लगाया कि नाटो, "यूक्रेन को गठबंधन में खींचने और अवशोषित करने की" कोशिश कर रहा है, और इससे यह साफ हो गया है कि रूस ने अपनी सुरक्षा के लिए "इस अभियान को शुरू कर सही काम किया है."

हथियारों की मांग

इससे पहले गुरुवार को जेलेंस्की ने नाटो से कहा कि वह कुछ सदस्य देशों की लंबी दूरी के रॉकेट, आधुनिक लड़ाकू विमान और बख्तरबंद गाड़ियों को मुहैया कराने में, "अनिच्छा से बाहर निकलने" में मदद करे.

नाटो के सदस्यों ने यूक्रेन को सोवियत जमाने के लड़ाकू विमान तो दिये हैं लेकिन अमेरिकी डिजायन वाले आधुनिक एफ-16 जैसे विमान देने से परहेज किया है. यूक्रेन इनकी लगातार मांग कर रहा है.

इन देशों ने हालांकि यूक्रेन को एंटी एयरमिसाइल दिये हैं. एक हफ्ते पहले ही यूक्रेन ने बताया कि पैट्रियट मिसाइलों की पहली खेप यूक्रेन पहुंच गई है. यह अमेरिका का बेहद उन्नत एयर डिफेंस सिस्टम है. पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को आधुनिक टैंक और कुछ दूसरे हथियार भी दिये हैं जाकि रूसी हमले को यूक्रेनी इलाकों से पीछे धकेला जा सके.

बैठक के बाद जर्मन रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस ने बताया कि जर्मनी में बने लियोपार्ड-1 टैंक पर यूक्रेन के 100 सैनिकों की ट्रेनिंग इसी हफ्ते शुरू हो रही है. डेनमार्क और नीदरलैंड के साथ जर्मनी यूक्रेन को 80 लियोपार्ड टैंक मुहैया करा रहा है. ये टैंक इस साल के मध्य में यूक्रेन पहुंचने शुरू हो जायेंगे.

एनआर/एमजे (एपी, एएफपी)