नयी दिल्ली, 23 अप्रैल: एक अफगान महिला की लंबी कानूनी लड़ाई और दिल्ली की एक अदालत के आदेश के बाद अब सेना के एक वरिष्ठ डॉक्टर पर बलात्कार के आरोप में मुकदमा चलाया जाएगा.
अफगान महिला ने 2009 में भारत आकर दावा किया था कि आरोपी चिकित्सक ने अपने विवाहित होने की बात छिपाते हुए उससे काबुल में शादी की थी. यह भी पढ़ें : SC on Divorce And Timings: 'एक रात में काम करता है', 'दूसरा दिन में', सुप्रीम कोर्ट ने तकनीकी विशेषज्ञ जोड़े को डिवोर्स की अनुमति दी
महिला ने अपनी शिकायत में दिल्ली की एक अदालत के समक्ष दावा किया था कि सेना के मेजर ने काबुल के इंदिरा गांधी अस्पताल में अपनी तैनाती के दौरान 2006 में इस्लामी प्रथाओं के अनुसार उस समय उससे शादी की थी, जब वह सिर्फ 16 साल और दो महीने की थी. अब उस महिला की आयु 32 साल हो चुकी है.
उसने दलील दी थी कि या तो उसे उसकी ‘वैध पत्नी’ का दर्जा दिया जाना चाहिए या आरोपी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. शिकायत में कहा गया है कि शादी के बाद वे अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में किराये के मकान में पति-पत्नी के रूप में रहने लगे.
शिकायत में कहा गया है, ‘‘कुछ हफ्तों के बाद... (अधिकारी) नौकरी संबंधी किसी काम के बहाने भारत चला गया और काबुल नहीं लौटा. आखिरकार उसने बताया कि वह पहले से ही शादीशुदा है और भारत में दो बच्चों के साथ रहता है. इसके बाद, चिकित्सक ने मेरे या मेरे रिश्तेदारों का फोन भी उठाना बंद कर दिया.’’
शिकायत में कहा गया है कि इन परिस्थितियों में वह भारत आई और सेना के चिकित्सक के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया और बाद में शिकायत दर्ज कराई. वह दिल्ली उच्च न्यायालय सहित विभिन्न न्यायिक मंचों से गुजरते हुए वापस निचली अदालत पहुंची और न्याय की मांग की, जिसके कारण एक मजिस्ट्रेट अदालत ने हाल ही में एक आदेश पारित करके चिकित्सक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 के तहत बलात्कार के अपराध का मुकदमा चलाने का आदेश दिया.
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सोनिका ने अपने आदेश में कहा है, ‘‘रिकॉर्ड के अवलोकन से पता चलता है कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि आरोपी चिकित्सक ने उसके साथ यौन संबंध बनाए थे... आरोपी ने शादी के वक्त कुछ अन्य लोगों से शादी की बात भी स्वीकार की थी.’’
आदेश में कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने अपने और आरोपी के बीच विवाह समारोह के वीडियो वाली सीडी रिकॉर्ड पर रखी थी और इसकी सत्यता फॉरेंसिक जांच द्वारा स्थापित की गई थी.
निचली अदालत ने मामले से संबंधित दस्तावेजों की जांच के लिए 25 अप्रैल की तारीख मुकर्रर की है.
चिकित्सा अधिकारी की ओर से पेश अधिवक्ता रवि मेहता ने मामले से निपटने को लेकर अदालत के अधिकार क्षेत्र पर प्रारंभिक आपत्ति जताई थी.
महिला ने अपनी शिकायत में कहा है कि 2006 में वह 16 साल की थी और उस वक्त वह काबुल के इंदिरा गांधी अस्पताल में दुभाषिये के रूप में काम कर रही थी और आरोपी उस अस्पताल में डॉक्टर के रूप में तैनात था.
सुरेश नरेश
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