'रमजान के महीने में जेलों में बंद मछुआरों को रिहा करे भारत, पाकिस्तान'

भारत-पाकिस्तान की सरकारों से रमजान के पवित्र महीने में सद्भावना के संकेत के रूप में एक शांति कार्यकर्ता ने शनिवार को दोनों देशों की जेलों में बंद महिलाओं समेत मछुआरों को रिहा करने का आग्रह किया है.

| Representational image (Photo Credits: pxhere)

मुंबई, 23 मार्च : भारत-पाकिस्तान की सरकारों से रमजान के पवित्र महीने में सद्भावना के संकेत के रूप में एक शांति कार्यकर्ता ने शनिवार को दोनों देशों की जेलों में बंद महिलाओं समेत मछुआरों को रिहा करने का आग्रह किया है. मुंबई में जतिन देसाई ने कहा, ''हर एक मछुआरा जो दूसरे देश की जेल में बंद है, उसे अनजाने में समुद्री सीमा पार करने के लिए गिरफ्तार किया गया है. इनमें 190 भारतीय और पाकिस्तान की कुछ महिलाएं और 81 अन्य पाकिस्तानी तथा भारत की कुछ महिलाएं शामिल हैं.''

उन्होंने कहा कि अधिकांश ने अपनी सजा पूरी कर ली है. उनकी राष्ट्रीयता की भी पुष्टि हो गई है और उन्हें एक-दूसरे की जेलों में बंद रखने का कोई कारण नहीं है. देसाई ने बताया कि कॉन्सुलर एक्सेस पर समझौते, 2008, धारा (5) के अनुसार, "दोनों सरकारें व्यक्तियों को उनकी राष्ट्रीय स्थिति की पुष्टि और सजा पूरी होने के एक महीने के भीतर रिहा करने और वापस भेजने पर सहमत हैं." यह भी पढ़ें : भारत अब आतंकवाद की समस्या को नजरअंदाज नहीं करेगा: जयशंकर

गिरफ्तार किए गए अधिकांश मछुआरों की राष्ट्रीयता की पुष्टि बहुत पहले ही कर दी गई थी और वे अपनी जेल की सजा भी पूरी कर चुके हैं. उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए और रमजान के दौरान सद्भावना संकेत के रूप में घर वापस भेजा जाना चाहिए.

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