अश्लील कपड़े पहन कर वीडियो बनाने की मिली सजा! सऊदी अरब में फिटनेस ट्रेनर को 11 साल की जेल

सऊदी अरब में 29 वर्षीय फिटनेस ट्रेनर मनाहेल अल-ओताइबी को उनके "कपड़ों के चयन" के लिए 11 साल की जेल की सजा सुनाई गई है.

(Photo : X)

मानवाधिकार संगठनों ने सऊदी अरब से 29 वर्षीय फिटनेस  ट्रेनर और महिला अधिकार कार्यकर्ता, मनाहेल अल-ओताइबी को रिहा करने का आग्रह किया है, जिन्हें कथित तौर पर उनके "कपड़ों के चयन और महिलाओं के अधिकारों के समर्थन" के लिए 11 साल की जेल की सजा सुनाई गई है.

कौन हैं मनाहेल अल-ओताइबी?

अल-ओताइबी, जो इंस्टाग्राम, ट्विटर और स्नैपचैट पर फिटनेस वीडियो पोस्ट करती थीं, पर "देश और विदेश में राज्य की बदनामी, सार्वजनिक व्यवस्था और समाज की परंपराओं और रीति-रिवाजों के खिलाफ विद्रोह का आह्वान, और न्यायपालिका और उसके न्याय को चुनौती देने" का आरोप लगाया गया है. उनके पोस्ट में महिलाओं के लिए उदार ड्रेस कोड, LGBTQ+ अधिकारों और सऊदी अरब के पुरुष संरक्षकता कानूनों को समाप्त करने की वकालत शामिल थी. उन पर अश्लील कपड़े पहनने और अरबी हैशटैग पोस्ट करने का भी आरोप लगाया गया, जिसमें "सरकार को उखाड़ फेंको" वाक्यांश शामिल था.

विडंबना यह है कि मनाहेल अल-ओताइबी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के सुधार के वादों में शुरुआती विश्वास रखने वालों में से एक थीं. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि 2019 में जर्मन ब्रॉडकास्टर ड्यूश वेले के साथ एक टीवी साक्षात्कार में, उन्होंने सऊदी साम्राज्य में हो रहे "मौलिक परिवर्तनों" का वर्णन किया था, जिसमें ड्रेस कोड सुधार भी शामिल थे, और कहा था कि "वह क्राउन प्रिंस की घोषणाओं के आधार पर अपने विचार व्यक्त करने और जो चाहें पहनने के लिए स्वतंत्र महसूस करती हैं."

क्या कहते हैं मानवाधिकार संगठन?

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने एक बयान में कहा, "उनका आरोप पूरी तरह से उनके कपड़ों के चयन और ऑनलाइन अपने विचारों की अभिव्यक्ति से संबंधित है, जिसमें सोशल मीडिया पर सऊदी अरब की पुरुष संरक्षकता प्रणाली को समाप्त करने का आह्वान, खुद के 'अश्लील कपड़े पहने हुए' वीडियो प्रकाशित करना और 'बिना अबाया (एक पारंपरिक पोशाक) पहने दुकानों पर जाना' शामिल है. उनकी बहन फौज़िया अल-ओताइबी पर भी इसी तरह के आरोप हैं, लेकिन 2022 में पूछताछ के लिए बुलाए जाने के बाद गिरफ्तारी के डर से सऊदी अरब से भाग गईं."

यह मामला सऊदी अरब में महिलाओं के अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सवाल उठाता है. मानवाधिकार संगठन लगातार अल-ओताइबी की रिहाई की मांग कर रहे हैं.

Share Now

\