Coronavirus: ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन ने कहा- चीन के मीट बाजारों से फैला खतरनाक वायरस, WHO और UN ले एक्शन

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (Scott Morrison) ने शुक्रवार को डब्ल्यूएचओ (WHO) और संयुक्त राष्ट्र (UN) से चीन के मीट बाजारों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया.

ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन (Photo Credit- Getty)

चीन (China) के वुहान शहर (Wuhan) के मीट बाजार (Meat market) से निकलकर दुनिया भर में तबाही मचाने वाले कोरोना वायरस (Coronavirus) से अब तक 50 हजार से अधिक मौतें हो चुकी हैं. अमेरिका, ब्रिटेन और इटली जैसे बड़े देश भी इससे जूझ रहे हैं. रिपोर्ट्स में इंसानों में यह जानलेवा वायरस चमगादड़ों से ही फैलने की बात सामने आई है. चीन में इस जानलेवा संक्रमण से हालात सामान्‍य होते ही फिर मीट बाजार खुलने लगे हैं. इनमें चमगादड़ कुत्‍ते, खरगोश, बिल्‍ली जैसे जानवरों को खाने के लिए फिर काटकर बेचा जा रहा है. ऐसे में दुनिया के सामने यह संकट और भी गहारा सकता है. इस बीच ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (Scott Morrison) ने शुक्रवार को डब्ल्यूएचओ (WHO) और संयुक्त राष्ट्र (UN) से चीन के मीट बाजारों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया.

बता दें कि चीनी शहर वुहान के एक मीट बाजार को कोरोनो वायरस महामारी का स्रोत माना जाता है. जहां से यह खतरनाक पिछले साल दिसंबर में इंसानों में फैला. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, वायरस से मामलों की संख्या दुनिया भर में एक मिलियन तक पहुंच गई है और 175 से अधिक देशों में 51,000 से अधिक मौतें हुई हैं. यह भी पढ़ें- Coronavirus lockdown: कोरोना वायरस से सहमा सिंगापुर, 7 अप्रैल से एक महीने के लिए देश में लॉकडाउन की घोषणा. 

गुरुवार को एक समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में मॉरिसन ने कहा कि चीन स्थित "मीट बाजार एक बहुत ही वास्तविक और महत्वपूर्ण समस्या है.," यह वायरस चीन में शुरू हुआ और दुनिया भर में चला गया. यह विश्व के लिए सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है.

उन्होंने कहा "हम सभी जानते हैं कि ये मीट बाजार एक वास्तविक समस्या हो सकती है. मुझे लगता है कि विश्व स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से इस मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन को कुछ करना चाहिए." शुक्रवार को, स्वास्थ्य संकट पर एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान, स्कॉट मॉरिसन ने वैश्विक संगठनों पर अपने रुख को फिर से दोहराया ताकि ऐसी जगहों और सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित किया जा सके.

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