कनाडा ने ओलंपिक से नाम वापिस लिया, जापान ने कहा खेल स्थगित होना ‘तय’
प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Photo Credits: Getty Images)

तोक्यो: कनाडा (Canada) में कोरोना वायरस (Covid-19) संक्रमण के कारण तोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) से नाम वापिस ले लिया जबकि जापान के प्रधानमंत्री ने सोमवार को स्वीकार किया कि खेलों में विलंब ‘अवश्यंभावी’ है हालांकि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने चार सप्ताह के भीतर फैसला लेने की घोषणा की है . आस्ट्रेलिया (Australia) ने भी अपने खिलाड़ियों से तोक्यो ओलंपिक 2021 की तैयारी करने के लिये कहा है . ऐसी पूरी संभावना है कि 24 जुलाई से नौ अगस्त के बीच होने वाले ये खेल अब स्थगित कर दिये जायेंगे .

जापान (Japan) और ओलंपिक अधिकारी लगातार कहते आये हैं कि खेल निर्धारित समय पर होंगे लेकिन दुनिया भर से खेल महासंघों और खिलाड़ियों के विरोध के बाद उनका रूख बदला है. प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) ने संसद में कहा कि जापान खेलों को मुकम्मिल कराने को लेकर प्रतिबद्ध है . उन्होंने हालांकि कहा ,‘‘ यदि वह मुश्किल होता है तो खिलाड़ियों को प्राथमिकता पर रखते हुए खेलों को स्थगित करने का फैसला अवश्यंभावी लग रहा है .’’ वहीं अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने रविवार को कहा कि दुनिया भर में कोविड-19 (Coronavirus) के प्रकोप के चलते ओलंपिक स्थगित करना एक विकल्प है लेकिन तोक्यो ओलंपिक रद्द करना उसके एजेंडे में नहीं है .

आईओसी अध्यक्ष थामस बाक ने कहा कि इस पर फैसला चार सप्ताह के भीतर लिया जायेगा . उन्होंने खिलाड़ियों को एक खुले खत में लिखा,‘‘ इंसान सबसे ऊपर है,खेलों के आयोजन से भी .’’ यह भी पढ़ें: Coronavirus: कोरोना महामारी से बचाव के लिए बीजेपी चलाएगी अभियान, सोशल मीडिया पर लोगों को करेगी सतर्क

उन्होंने कहा ,‘‘ हमने पहले भी संकेत दिये हैं कि हम अलग अलग विकल्पों पर विचार कर रहे हैं . तोक्यो ओलंपिक 2020 की अंतिम तिथि तय करना अभी भी जल्दबाजी होगी .’’ उन्होंने कहा कि आईओसी संबंधित पक्षों और स्वास्थ्य विभाग से संपर्क में है . बाक ने कहा,‘‘ हमें यकीन है कि अगले चार सप्ताह में कोई हल निकल आयेगा . खेलों को रद्द करना किसी समस्या का समाधान नहीं है और इससे किसी का भला नहीं होगा लिहाजा यह हमारे एजेंडे में नहीं है .’’

कनाडा की ओलंपिक समिति ने कहा ,‘‘ बात सिर्फ खिलाड़ियों की सेहत की नहीं बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य की है .कोविड 19 के चलते हमारे खिलाड़ियों , उनके परिवारों और कनाडाई लोगों की सेहत और सुरक्षा को देखते हुए उनका तैयारी जारी रखना सही नहीं होगा .’’ ससे पहले अमेरिका और फ्रांस के तैराकी महासंघ, अमेरिका और स्पेन के एथलेटिक्स महासंघ, नार्वे ओलंपिक समिति, फ्रांस एथलेटिक्स और जाने माने मौजूदा और पूर्व खिलाड़ी कह चुके हैं कि इन हालात में ओलंपिक नहीं होने चाहिये . चार बार के ओलंपिक चैम्पियन फर्राटा और लंबी कूद के एथलीट कार्ल लुईस ने कहा कि वह खेलों को स्थगित करने के पक्ष में हैं . यह भी पढ़ें: विराट कोहली के मुरीद हुए शिवनारायण चंद्रपॉल, बताया दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज

उन्होंने कहा ,‘‘ऐसे माहौल में खिलाड़ियों के लिये तैयारी कर पाना मुश्किल है . मुझे लगता है कि खेल दो साल बाद कराये जाने चाहिये . बीजिंग में 2022 में शीतकालीन ओलंपिक के साथ . इसे ओलंपिक वर्ष बना देना चाहिये .’’ इस बीच विश्व एथलेटिक्स के अध्यक्ष सेबेस्टियन कू ने बाक को पत्र लिखकर कहा है कि जुलाई में ओलंपिक करना ना तो संभव है और ना ही उचित .

उन्होंने कहा ,‘‘ कोई भी नहीं चाहता कि ओलंपिक स्थगित हों लेकिन हम खिलाड़ियों की सुरक्षा की कीमत पर खेल नहीं करा सकते .’ जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने भी आईओसी से इस पर तुरंत फैसला लेने को कहा है .

आईओसी अब तक लगातार कहती आई है कि खेल 24 जुलाई से शुरू होंगे हालांकि कोविड 19 के चलते दुनिया भर में टूर्नामेंट रद्द हो गए हैं . चारों ओर से हो रही निंदा के बाद आईओसी ने आखिरकार स्वीकार किया कि ओलंपिक स्थगित करने की संभावना पर विचार हो सकता है . आस्ट्रेलियाई ओलंपिक समिति ने सोमवार को बोर्ड की बैठक बुलाकर सर्वसम्मति से फैसला लिया कि जुलाई में खेलों का हो पाना संभव नहीं है . यह भी पढ़ें: क्या भारत में कोरोना वायरस के सामुदायिक संचार की हो गई है शुरुआत? ICMR ने कहा- महत्वपूर्ण टेस्ट कल

आस्ट्रेलिया के दल प्रमुख इयान चेस्टरमैन ने कहा ,‘‘यह साफ है कि खेल जुलाई में नहीं होने जा रहे . हमारे खिलाड़ियों का तैयारी और अभ्यास को लेकर रवैया सकारात्मक रहा है लेकिन तनाव और अनिश्चितता उनके लिये काफी चुनौतीपूर्ण है .’’ एओसी के मुख्य कार्यकारी मैट कैरोल ने कहा कि खिलाड़ियों को अपनी और परिवार की सेहत को लेकर प्राथमिकतायें तय करनी होगी .

उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलियाई टीम देश विदेश में मौजूदा हालात में एकत्र नहीं हो सकती और अब उसे अगले साल ओलंपिक को ध्यान में रखकर तैयारी करनी चाहिये . ब्राजील और स्लोवेनिया की ओलंपिक समिति ने भी कहा है कि इन हालात में वे अपने खिलाड़ियों को ओलंपिक के लिये नही भेज सकते .