जिनेवा में रोगी ने दिखाए एचआईवी से उबरने के लक्षण
जिनेवा में एचआईवी से पीड़ित एक रोगी में इस बीमारी से उबरने के लक्षण दिखे हैं.
जिनेवा में एचआईवी से पीड़ित एक रोगी में इस बीमारी से उबरने के लक्षण दिखे हैं. इस रोगी को "जिनेवा रोगी" नाम दिया गया. ऐसा लग रहा है कि वह उन लोगों में शामिल हो जाएगा जो एचआईवी से पूरी तरह ठीक हो चुके हैं.इससे पहले भी पांच लोग एचआईवी से पूरी तरह 'ठीक हुए' माने गए हैं. इनमें बर्लिन, लंदन, ड्यूसेलडॉर्फ, न्यूयॉर्क और सिटी ऑफ होप, कैलिफोर्निया मरीज शामिल हैं. इन सभी रोगियों का अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण किया गया और इन्हे सीसीआर5 जीन के उत्परिवर्तन वाले लोगों से स्टेम कोशिकाएं भी प्राप्त हुई थीं. हालांकि रिसर्चरों ने गुरुवार को कहा कि "जिनेवा रोगी" को पिछले मामलोंकी तरह वायरस-अवरोधक जीन उत्परिवर्तन वाला प्रत्यारोपण नहीं मिला है. सीसीआर5 जीन का उत्परिवर्तन एचआईवी को शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश करने से रोकने के लिए जाना जाता है.
एचआईवी वापस आ सकता है
2018 में जिनेवा के मरीज में ल्यूकेमिया के इलाज के लिए स्टेम सेल प्रत्यारोपण किया गया था. हालांकि इस बार जो प्रत्यारोपण हुआ, वह ऐसे डोनर से आया जिसमें सीसीआर5 उत्परिवर्तन नहीं था. इसका मतलब है कि वायरस अभी भी मरीज की कोशिकाओं में प्रवेश करने में सक्षम है. फ्रांसीसी और स्विस रिसर्चरों ने यह बात ऑस्ट्रेलियाई शहर ब्रिस्बेन में एक संवाददाता सम्मेलन में कही. ब्रिस्बेन में इस सप्ताहांत एड्स सम्मेलन शुरू होने वाला है.
रिसर्चरों ने कहा है कि एंटीरेट्रोवाइरल उपचार के बंद होने के 20 महीने बाद भी जिनेवा विश्वविद्यालय अस्पताल के डॉक्टरों को जिनेवा रोगी के सिस्टम में वायरस का कोई निशान नहीं मिला है. एंटीरेट्रोवाइरल उपचार, रक्त में एचआईवी की मात्रा को कम करता है. हालांकि रिसर्चर इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि रोगी में एचआईवी वापस आ जाएगा, उन्होंने ने कहा है कि वे उसे दीर्घकालीन सुधार में मानते हैं.
1990 में पता चला था एचआईवी का
जिनेवा के मरीज ने बयान जारी कर कहा, "मेरे साथ जो हो रहा है वह शानदार, जादुई है." इस रोगी में, 1990 में एचआईवी का पता चला था. वह नवंबर 2021 तक एंटीरेट्रोवायरल पर था. नवंबर 2021 में रोगी के डॉक्टरों ने उन्हें अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण के बाद इलाज बंद करने की सलाह दी. बोस्टन के मरीज कहे जाने वाले दो मरीजों को भी उनके प्रत्यारोपण के दौरान सामान्य या "वाइल्ड प्रकार" की स्टेम कोशिकाएं दी गई थीं. लेकिन दोनों ही मामलों में एंटीरेट्रोवाइरल लेना बंद करने के कुछ महीनों बाद एचआईवी वापस आ गया था.
फ्रांस के पाश्चर इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक असियर सैज-सिरियन ने ब्रिस्बेन में जिनेवा मरीज का मामला पेश किया था. उन्होंने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि जिनेवा का मरीज एचआईवी मुक्त क्यों है, इसके लिए कुछ संभावित स्पष्टीकरण हैं. "इस विशिष्ट मामले में शायद प्रत्यारोपण ने प्रसिद्ध उत्परिवर्तन की आवश्यकता के बिना सभी संक्रमित कोशिकाओं को समाप्त कर दिया."
एचवी/एनआर (एएफपी)