रविवार को जी-2 श्रेणी का भू-चुंबकीय तूफान (Geomagnetic Storm) पृथ्वी से टकराया है और मामूली जी-1 श्रेणी के तूफान चल रहे हैं जो कुछ स्थानों पर औरोरा और रेडियो ब्लैकआउट को ट्रिगर कर रहा है. यह यूएस-आधारित नोआ के तहत अंतरिक्ष मौसम भविष्यवाणी केंद्र के बाद आता है, पहले एक अपडेट में कहा गया था कि जी -2 (मध्यम) भू-चुंबकीय तूफान 4 सितंबर को आएगा लेकिन यह 05 सितंबर तक बढ़ गया है. यह भी पढ़ें: Jupiter Images: बृहस्पति गृह पर आया ऐसा रंगीन तूफान, जो पहले किसी ने नहीं देखा, नासा ने जारी की शानदार तस्वीरें
क्या है जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म:
एक भू-चुंबकीय तूफान जिसे चुंबकीय तूफान (मैग्नेटिक स्टॉर्म) के रूप में भी जाना जाता है, तब होता है जब सौर हवाओं की ऊर्जा पृथ्वी के पर्यावरण से टकराती है. इस दौरान सूर्य की सतह पर बड़े पैमाने पर विस्फोट होते हैं और अत्यधिक तेज रोशनी के साथ भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है, जिसे सूर्य की चमक भी कहा जाता है. कहा जाता है कि इस दौरान कई लाख मील प्रति घंटे की रफ्तार से एक अरब टन के बराबर चुंबकीय ऊर्जा अंतरिक्ष में छोड़ी जाती है, जिससे सूर्य की बाहरी सतह का कुछ हिस्सा खुल जाता है और इस छिद्र से ऊर्जा निकलती है. यह आग के गोले जैसा दिखता है. यह ऊर्जा कई दिनों तक लगातार निकलती रहती है और छोटे-छोटे परमाणु कणों में तब्दील होकर ब्रह्मांड में फैल जाती है, जिसे जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म कहते हैं.
यदि भू-चुंबकीय तूफान अधिक शक्तिशाली है, तो यह उपग्रह लिंक को बाधित करता है. पृथ्वी की कक्षा में घूम रहे उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक्स को नुकसान पहुंचाने की पूरी शक्ति रखता है. ये तूफान सौर हवा में भिन्नता के परिणामस्वरूप उत्पन्न होते हैं जो पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर में धाराओं, प्लाज्मा और क्षेत्रों में बड़े बदलाव की ओर ले जाते हैं.
जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म को G1 से G5 तक रैंक किया गया है, जिसमें G5 सबसे मजबूत है. G4 या G5 - पृथ्वी पर जीवन बदलने वाली घटनाओं का कारण बन सकता है और बिजली से चलने वाली किसी भी चीज़ को नुकसान पहुंचा सकता है.
औरोरा को और ऊपर धकेलने के अलावा, ये तूफान विद्युत प्रणालियों को प्रभावित कर सकते हैं, जिनमें बिजली ग्रिड और बिजली संयंत्र, रेडियो और उपग्रह संचार और नेविगेशन सिस्टम शामिल हैं. इस साल फरवरी में, टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क की स्टारलिंक परियोजना को एक बड़ा झटका लगा था, जब एक भू-चुंबकीय तूफान ने इसके 40 उपग्रहों को क्षतिग्रस्त कर दिया था.